नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट । यूजीसी (UGC) द्वारा छात्रों को बड़ी राहत दी गई है। दरअसल पीएचडी (UGC PhD Admission) करने वाले महिलाएं और लड़कियों को दूसरी जगह जाकर पीएचडी पूरी करने की छूट दी जाएगी। इसके लिए यूजीसी ने नवीन तैयारी कर ली है। इससे पहले पीएचडी धारकों के लिए यूजीसी द्वारा नियम में कई तरह के संशोधन किए गए हैं। साथ ही महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए उन्हें दूसरी जगह जाकर पीएचडी करने की छूट प्रदान की गई है। साथ ही उनका पूरा का पूरा काम दूसरी जगह ट्रांसफर हो सकेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नए नियम में इसे शामिल कर लिया गया है। बता दें कि 2016 में पीएचडी करने के नए नियम और संशोधन जारी किए गए थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत पीएचडी को लेकर कई तरह के नवीन संशोधन देखने को मिले हैं। इसके लिए संशोधन की अधिसूचना यूजीसी द्वारा जारी कर दी गई।
यूजीसी के नए नियम के मुताबिक शादी के चलते और अन्य कारणों से महिला शोधार्थियों को किसी संस्थान से पीएचडी जारी रखना होता था तो उसके लिए उन्हें उस जगह को छोड़ने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब शादी और अन्य किसी कारण से महिला शोधार्थी अगर दूसरी जगह जाती है तो वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रख सकती है, इसके लिए उन्हें अनुमति प्रदान की जाएगी।
महिलाओं को दूसरी जगह करने की सभी नियम और शर्तें का बखूबी ध्यान रखा जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि शोध संस्थान या पर्यवेक्षक द्वारा किसी वित्त पोषित एजेंसी से प्राप्त न किया गया हो। किसी अन्य संस्थान में अपनी पीएचडी पूरी करने के बावजूद शोधार्थी को उसके हिस्से की क्रेडिट मूल संस्थान यह सुपरवाइजर को देनी होगी। अभी तक महिला शोधार्थी को 2 वर्ष का अतिरिक्त समय शोध पूरा करने के लिए दिया जाता था।
इस दौरान मातृत्व अवकाश और अन्य देखभाल अवकाश के रूप में उन्हें 240 दिन की छुट्टी की सुविधा प्रदान की गई थी। अब नियम के तहत उन्हें इस तरह की राहत दी जाएगी। इससे पहले UGC ने नौकरी करने के साथ पीएचडी करने की छूट दी थी। 7 नवंबर को जारी हुए गजट के अनुसार आप कहीं भी सेवारत कर्मचारी शिक्षक पार्ट टाइम पीएचडी कर सकेंगे। इसके अलावा 4 साल की बैचलर डिग्री प्राप्त उम्मीदवारों को भी पीएचडी करने की सुविधा प्रदान की गई है।