रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। केन्द्र के समान 34% महंगाई भत्ते और हाउस रेंट अलाउंस की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। मशाल रैली के बाद आंदोलन के पांचवें दिन आज शुक्रवार को कर्मचारी संगठनों बाइक रैली निकालकर मंत्रियों-विधायकों के घर जाने की तैयारी में हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मंत्री-विधायक अपना वेतन और भत्ता बढ़ावा रहे हैं, उनके लिए महंगाई है, लेकिन कर्मचारियों को देने के लिए वित्तीय स्थिति का हवाला दिया जा रहा है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार द्वारा 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने जाने पर छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन समेत 90 विभागों के संगठन खुश नही है, उन्होंने 7वें वेतनमान के तहत 12% बढ़ाने की मांग की है। वे केन्द्र के समान 34% महंगाई भत्ते और HRA की मांग पर अड़े हुए है और 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।कर्मचारियों का कहना है कि इस आंदोलन में प्रमुख रूप से दो मांगों को लेकर कर्मचारी अधिकारी काफी आक्रोशित हैं। पहला 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता एवं दूसरा सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता केंद्र के देय तिथि से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भांति तत्काल प्रदान करें।जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक विरोध प्रदर्शन चलेगा।
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने रायपुर में आंदोलन स्थल पर पहुंचकर हड़ताल को पार्टी का पूरा समर्थन देने की घोषणा कर दी है।वही अनुसूचित जन जाति मोर्चा जिला अध्यक्ष व सांसद प्रतिनिधि विक्रम ध्रुवे ने भी कर्मचारियों को समर्थन दिया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ते को लेकर अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, कांग्रेस सरकार बल पूर्वक कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने में लगी है। आखिर केंद्र के समान 34 प्रतिशत डीए कांग्रेस सरकार क्यों नहीं दे रही है।वही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान 34 प्रतिशत DA देने की मांग की है।
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2019 के लंबित DA की 5% किस्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था, जिसमें देय तिथि 1 जुलाई 2019 से लेकर 30 जून 2021 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया था। फिर फेडरेशन के आंदोलन के बाद 1 मई को DA में 5% की वृद्धि की थी। 1 जुलाई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक 17% DA पर वेतन बना था, लेकिन वेतन में अंतर की राशि का भुगतान फिर नहीं किया।अब DA में 6% की वृद्धि 1 अगस्त 2022 से कर 28% किया है, जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 1 जुलाई 2021 है। राज्य सरकार ने छल करते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।
सीएम साफ कर चुके है अपनी स्थिति
इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो टूक शब्दों में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निरंतर शासकीय कर्मचारियों के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना लागू करने से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। कर्मचारियों के आधे संगठन ने छह प्रतिशत डीए बढ़ाने का स्वागत किया है। हमारी तमाम योजनाओं का लाभ कर्मचारियों को मिल रहा है। वर्किंग डेज पांच दिन किया गया है, उसके बाद भी वो हड़ताल करना चाहते हैं तो उनकी इच्छा। इसके बाद सरकार अपना काम करेगी।
सितंबर में मिलेगा बढ़े हुए 6% महंगाई भत्ते का लाभ
दरअसल, हाल ही में भूपेश बघेल सरकार ने राज्य के शासकीय कर्मचारियों के DA में 6% की वृद्धि की है। वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि राज्य के शासकीय सेवकों को 1 अगस्त 2022 से सातवां वेतनमान के DA में 6% की वृद्धि करते हुए 28% की दर से और छठवें वेतनमान में 15% की वृद्धि करते हुए 189% की दर से DA दिया जाएगा। बढ़े हुए DA की राशि एक अगस्त 2022 से नगद भुगतान किया जाएगा। DA की गणना मूल वेतन के आधार पर की जाएगी। इसमें विशेष वेतन, व्यक्तिगत वेतन शामिल नहीं होगा। DA का कोई भी भाग मूल नियम 9 (21) के अंतर्गत वेतन नहीं माना जाएगा।इसका लाभ 3.80 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।