भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) का ग्राफ दिन- प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है। इसके लिए अगर लोगों की सजगता में कमी और लापरवाही (carelessness) को दोष दिया जाए तो वो गलत नहीं होगा। साथ ही प्रशासन भी परिस्थितियों को देखते हुए नियम कड़े (strict rules) नहीं कर रहा है। इसी की बदौलत एक बार फिर कोरोना की स्थिति भयावह होती दिख रही है। मध्य प्रदेश में ही कोरोना मरीजों की संख्या लगातार दूसरे दिन 600 से अधिक सामने आई है।
राज्य सरकार ने शनिवार को हेल्थ बुलेटिन जारी किया। इस हेल्थ बुलेटिन के अनुसार एक दिन पहले यानी कि शुक्रवार को प्रदेश में 16,040 सैंपलों की जांच हुई जिनमें से 675 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। मप्र में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित इंदौर और भोपाल में पाए जा रहे हैं। शनिवार को इंदौर में 247 और भोपाल में 118 कोरोना संक्रमित पाए गए। काफी समय बाद ऐसी स्थिति आई है जब कोरोना संक्रमितों की संख्या 600 से अधिक पाई गई है। पिछले साल दिसम्बर की शुरुआत में संक्रमण दर 4 से अधिक था उसके बाद निरन्तर इस दर में गिरावट देखने को मिली। गिरावट के बाद यह दर डेढ़ फीसद से भी कम रह गया था। लेकिन अब एक बार फिर शुक्रवार को संक्रमण दर 4.2 रिकॉर्ड किया गया है। जो बेहद चिंताजनक है।
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2 माह से कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आने से स्वास्थ्य विभाग ने जांच का लक्ष्य भी घटा दिया है। पहले 24 से 28 हजार कोरोना सैम्पल की जांच की जाती थी। अब वही संख्या घट कर 14 हजार से 16 हजार रह गयी है। पहले 30 हजार सैम्पलों की जांच स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य हुआ करता था। इसमें रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों तरीके की जांचे शामिल थीं। लेकिन अब स्थिति एक बार फिर डर उत्पन्न कर रही है, ऐसे में प्रशासन को और कड़े नियम बनाने पड़ेंगे और स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करना होगा। साथ ही जनता को भी व्यक्तिगत तौर पर कोरोना के उपायों को करते रहना पड़ेगा।