भोपाल डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के पंजीयन विभाग के कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार पंजीयन विभाग के कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए उनको Covid योद्दा घोषित करें ।उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के चलते विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं और इनमें कुछ की मुत्यु भी हो गई है।
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प्रदेश के पंजीयन विभाग अधिकारी-कर्मचारी संघ ने विभागीय लोगों को को Covid योद्दा की श्रेणी में घोषित करने की सरकार से मांग की है। दरअसल पंजीयन कार्यालय में प्रतिदिन भारी भीड़ होती है और लोग अपनी रजिस्ट्री कराने के लिए वहां पहुंचते हैं। इस भारी भीड़ को कोविड-19 प्रोटोकोल के तहत नियंत्रित करना बड़ा मुश्किल का काम होता है और विशेषकर छोटे कस्बों व शहरों में तो यह बिल्कुल संभव ही नहीं है क्योंकि ऑफिस भी बहुत छोटे-छोटे हैं। इसके चलते कई अधिकारी व कर्मचारी व उनके परिवार के लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इतना ही नहीं शांतिलाल प्रजापति जो रतलाम के उप पंजीयक थे, धर्मपुरी के उप पंजीयक योगेश पाटीदार ,सोनकच्छ के उप पंजीयक नवीन जैन और उप पंजीयन कार्यालय पानसेमल के भृत्य गिरीश पंड्या का हाल ही में कोरोना के चलते स्वर्गवास भी हो चुका है।
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अधिकारी-कर्मचारी संघ ने अपने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में भारी भीड़ के चलते पंजीयन कार्यालय Covid-19 संक्रमण का केंद्र बनते जा रहे हैं जिससे न केवल कर्मचारियों के प्राणों पर संकट हो गया है बल्कि जनता भी खतरे में है ।पिछले वर्ष भी कोरोना का संक्रमण होने के समय संपूर्ण प्रदेश में सामान्य स्थिति होने तक पंजीयन कार्यालयों को बंद कर दिया गया था ।इसी तरह की मांग संघ ने इस बार भी की है और यदि यह संभव नहीं हो तो 10 से 15 स्लाट की प्रतिदिन लिमिट तय करने की मांग की गई है जिससे केवल अति आवश्यक दस्तावेजों का ही पंजीयन किया जाए। पत्र की प्रति आईजी पंजीयन और प्रमुख सचिव पंजीयन को भेजी गई है।