बालाघाट, सुनील कोरे। मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (Dr. Prabhu Ram Chaudhary) ने आज 24 नवंबर को बालाघाट (balaghat) जिले के प्रवास के दौरान स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अधिकारियों की बैठक लेकर बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमण (corona infection) को रोकने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक में पूर्व मंत्री एवं विधायक रामपाल सिंह, जिला पंचायत प्रधान श्रीमती रेखा बिसेन, प्रभारी कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए, क्षेत्रीय संयुक्त संचालक डॉ. वाय.एस. ठाकुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. आर के मिश्रा, मेडिकल आफिसर डॉ. अशोक लिल्हारे, खंड चिकित्सक, विधायक प्रतिनिधि सुरजीत सिंह ठाकुर एवं समाज सेवी सत्यनारायण अग्रवाल उपस्थित थे।
कोरोना संक्रमण (corona infection) को रोकने के लिए किये जा रहे कार्यो की समीक्षा (review) के दौरान मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के समक्ष भाजपा नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं (health facilities) को लेकर खामियों को रखते हुए कहा कि जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और नजरअंदाजी के कारण लोगों को महंगा उपचार करवाने जिले से बाहर जाना पड़ रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों (corona positive patient) के बनाये गये आईसीयु वार्ड के प्रारंभ नहीं होने, जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक में असुविधा, सिटी स्केन की सुविधा उपलब्ध करवाने और डायलिसिस मशीन की खामियों को रखा।
मंत्री डॉ चौधरी ने बैठक में बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या, अब तक ठीक हो चुके मरीजों की संख्या, मरीजों के उपचार के लिए बेड की उपलब्धता एवं प्रतिदिन किये जा रहे टेस्ट के बारे में जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि बालाघाट जिले में अब तक कुल 45 हजार 322 मरीजों के सेंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गये है। इनमें से 2521 मरीज कोरोना पॉजेटिव पाये गये है। 2402 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके है और 108 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जिले का कोरोना पॉजिविटी रेट 5.6 है, जो कि प्रदेश के औसत 5.5 से अधिक है, लेकिन जिले में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या कम है और वर्तमान में मात्र 108 है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जरूर कम है, लेकिन हमें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। बालाघाट जिला महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ से लगा हुआ है और इन राज्यों से लोगों का आना-जाना अधिक संख्या में होता है। जिसके कारण इस जिले में कोरोना संक्रमण फैलने की अधिक संभावना हो सकती है। अतः बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों के मास्क पहनकर ही बाहर निकलने पर अधिक ध्यान दिया जाये और इसके लिए अभियान चलाया जाये। कोरोना टेस्टिंग पर अधिक ध्यान दिया जाये और टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जाये।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि अभी भी लोगों में डर बना हुआ है कि वे बुखार या सर्दी खांसी होने पर कोरोना टेस्ट करायेंगें तो उन्हें 10 दिन तक अस्तपाल में रखा जायेगा। लोगों के इस डर को निकाला जाये और उन्हें कोरोना टेस्ट के प्रति जागरूक किया जाये। यदि बुखार या सर्दी खांसी का मरीज कोरोना टेस्ट नहीं करायेगा तो वह अपने परिवार एवं पड़ोस के अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए लोगों में जागरूकता लाई जाये और उन्हें फीवर क्लीनिक में जांच के लिए प्रोत्साहित किया जाये।
बैठक में विधायक प्रतिनिधि एवं भाजपा नगर अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर द्वारा जिला चिकित्सालय बालाघाट की आईसीयू का शुभारंभ करने के बाद उसे बंद करने का मामला उठाया गया और ब्लड बैंक को व्यवस्थित करने, सीटी स्केन की सुविधा प्रारंभ करने एवं डायलिसिस की यूनिट बढ़ाने की मांग की गई। इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि तीन दिनों के भीतर जरूरी उपकरणों की पूर्ति कर आईसीयू को चालू कराया जाये। ब्लड बैंक को व्यवस्थित करने के लिए शीघ्र कार्यवाही करने एवं सीटी स्केन की सुविधा प्रारंभ करने के निर्देश भी दिये गये। उन्होंने कहा कि डायलिसिस यूनिट की संख्या बढ़ाने के लिए भी कार्य किया जायेगा। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि जिला चिकित्सालय में जो कुछ भी सुविधायें उपलब्ध है, उनका सही उपयोग होना चाहिए और आम जनता को उनका लाभ मिलना चाहिए।