जबलपुर में नहीं निकलेगा ईद मिलादुन्नबी का जुलूस, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत लिया गया फैसला

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार ईद मिलादुन्नबी में निकलने वाला जुलूस स्थगित कर दिया गया है। जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियो के साथ एसपी कलेक्टर मुफ्ती-ए-आजम म.प्र. मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी साहब के निवास स्थान पहुंचे जहां मौलाना साहब को ईद की बधाई दी इसके साथ ही त्यौहार को लेकर चर्चा भी की गई। जिला प्रशासन ने मुफ़्ती ए आजम से चर्चा करते हुए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शासन प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार ईद मिलादुन्नबी मानाने का फैसला किया गया।

मुफ्ती-ए-आजम म.प्र. मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी ने बताया की मेरे तरफ से जुलूसे मुहम्मदी को निकालने के लिये जो मुख्यमंत्री को जो खत लिखा गया था उस पर अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया।जिला एवं पुलिस प्रशासन लगातार सम्पर्क में है। मुझे लगता है कि कोरोना काल की वजह से मध्य प्रदेश शासन जुलूस निकालने की परमीशन देने में असमर्थ है। चूंकि शहर का प्रशासन भी भोपाल और दिल्ली सरकारों के आधीन है, वह भी असमर्थ नज़र आ रहा है। मैनें मुख्यमंत्री से जुलूस के आयोजन की क्रिया में सहायता की माँग की थी मगर चूंकि शहर में सुरक्षा व्यवस्था और अमनो अमान क़ायम रखने की ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है। जिसके लिये COVID – 19 की वजह से वह भी जुलूस पक्ष में नज़र नहीं आते।

लिहाज़ा मैं मुसलमानों से गुज़ारिश करता हूँ कि इस साल हालात को देखते हुये हमें जुलूसे मुहम्मदी का इरादा मुलतवी करना होगा। और अपने अपने घरो मस्जिदों में मोहम्मद साहब के जन्मदिव के खुसी के मोके पर अपना इज़हार जाहिर करे और मस्जिदों में ही नमाज़ अदा की जाये।। वही मौलाना साहब ने सभी को ईद की मुबारकबाद भी पेस की है।हम आपको बता दे मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के मौके पर पुरे देश में मुस्लिम समुदाय द्वारा ईद मिलादुन्नबी रूप में मनाया जाता है जहाँ जबलपुर में पिछले 100 सालो से ईद मिलादुन्नबी में जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाता है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शासन प्रशासन की गाइड लाइन को देखते हुए जुलूसे मोहम्मदी स्थगित किया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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