कोरोना से निपटने के लिए जबलपुर प्रशासन कर रहा मैराथन बैठक, लोगों को भी लगातार कर रहा जागरूक

Gaurav Sharma
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जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में लगातार बढ़ते कोरोना के आंकड़ों (Corona cases) को देखते हुए जहां प्रदेश सरकार (State Government) आने वाली स्थिति को लेकर जमीनी तैयारियां कर रही है। वहीं जिला प्रशासन (district administration) भी लगातार मैराथन बैठक कर शहर की हर स्थिति पर नजरें बनाए हुए हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी (District Health Officer) और जिला प्रशासन (district administration) के साथ आज आयोजित हुए बड़ी बैठक में कोरोना (corona) निपटने के लिए क्या कुछ उपाय है, किस तरह लोगों को और जागरूक किया जाए इन तमाम विषयों को लेकर चर्चा की गई।

बैठक में कलेक्टर (collector) सहित तमाम स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हुए। अगर हम जबलपुर (jabalpur) जिले की बात करें तो बीते पखवाड़े के हिसाब से जबलपुर (jabalpur) में यदि आंकड़े बढ़ चढ़कर सामने आते हैं तो इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त है। प्रशासन ने अब तक 1800 बिस्तरों (bed) की व्यवस्था कर ली है। बीते महीनों में महज 300 से 400 बिस्तर कोरोना (corona) के लिए हुआ करते थे, वही ऑक्सीजन (oxygen) की बात करें तो ऑक्सीजन के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन आज ऑक्सीजन के लिए भी जिला प्रशासन की मदद से स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल अस्पताल स्थित ऑक्सीजन प्लांट लगाया है। भविष्य में और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।