मध्यप्रेदश सरकार को मिले Corona वैक्सीन में मिलावट के संकेत, सरकार देगी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

नरोत्तम मिश्रा

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) का इंतजार हर कोई बेसबरी से कर रहा है। कोरोना वायरस की वैक्सीन आम लोगों के जीवन को दोबारा से पटरी पर ले आएगी, जिसके चलते इसके आने का इंतजार सब को है। लेकिन क्या हो जिस तरह खाद्य सामग्री  में मिलावट (Adulteration in Food item) की जाती है, उसी तरह मार्केट में मिलवटी वैक्सीन (Adulterated Vaccine) आ जाए ? मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) को एक ऐसा इनपुट (Input) मिला है जिसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस वैक्सीन में मिलावट हो सकती है, जिसको लेकर मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में खाद्य सुरक्षा कानून (Food Safety Law) में संशोधन (an amendment) करने का फैसला लिया गया। कानून में संशोधन करते हुए बताया गया कि मिलावटखोरों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा दी गई जाएगी। इस कानून के तहत अभी तक ज्यादा से ज्यादा 3 साल की सजा का प्रावधान था।

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन (Health organization)  को इंटरपोल से सूचना मिली थी कि कोरोनावायरस की वैक्सीन में मिलावट हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार आम लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ जरा भी बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए खाद्य सुरक्षा नियम में सजा के प्रावधान में संशोधन किया गया और इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।