भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कोरोना वायरस की वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) का इंतजार हर कोई बेसबरी से कर रहा है। कोरोना वायरस की वैक्सीन आम लोगों के जीवन को दोबारा से पटरी पर ले आएगी, जिसके चलते इसके आने का इंतजार सब को है। लेकिन क्या हो जिस तरह खाद्य सामग्री में मिलावट (Adulteration in Food item) की जाती है, उसी तरह मार्केट में मिलवटी वैक्सीन (Adulterated Vaccine) आ जाए ? मध्यप्रदेश सरकार (MP Government) को एक ऐसा इनपुट (Input) मिला है जिसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस वैक्सीन में मिलावट हो सकती है, जिसको लेकर मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में खाद्य सुरक्षा कानून (Food Safety Law) में संशोधन (an amendment) करने का फैसला लिया गया। कानून में संशोधन करते हुए बताया गया कि मिलावटखोरों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा दी गई जाएगी। इस कानून के तहत अभी तक ज्यादा से ज्यादा 3 साल की सजा का प्रावधान था।
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन (Health organization) को इंटरपोल से सूचना मिली थी कि कोरोनावायरस की वैक्सीन में मिलावट हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार आम लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ जरा भी बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए खाद्य सुरक्षा नियम में सजा के प्रावधान में संशोधन किया गया और इसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
वही ग्वालियर में नकली प्लाज्मा (Fake plasma) बेचे जाने के मामले के बारे में गृह मंत्री कहते हैं कि यह बहुत ही गंभीर अपराध है। सरकार आम लोगों की जिंदगी के साथ खेलने वाले दोषियों को सख्त से सख्त सजा देगी। वही दवाइयों की एक्सपायरी डेट निकल जाने के बाद भी उसे बेचने को लेकर भी सजा बढ़ाने का प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा रखा गया था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
गृह मंत्री कहते हैं कि मिलावट चाहे किसी में भी हो दूध में अन्य खाद्य सामग्री में, एक्सपायरी डेट की दवाओं इन सब की बिक्री करने पर सजा को 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है। वहीं गृहमंत्री बताते हैं कि मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेश में मिलावट पर कसावट अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी मॉनिटरिंग खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस अभियान के तहत पॉजिटिव परिणाम भी सामने आ रहे हैं। वहीं प्रदेश के कुछ स्थानों से मिलावट के मामले भी सामने आ रहे हैं, इस को ध्यान में रखते हुए सजा बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
बता दें कि 10 दिसंबर को नकली प्लाज्मा चढ़ाने के चलते दतिया के कारोबारी मनोज अग्रवाल की मौत हो गई थी। मृतक मनोज अग्रवाल 3 दिसंबर को कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। वही पूरे मामले में जांच करने के बाद यह बात सामने आई थी कि मृतक को नकली प्लाज्मा चढ़ाया गया है, जिसके चलते उसकी मौत हो गई है।वहीं इस पूरे मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए नकली प्लाज्मा बनाकर बेचने वाले अजय शंकर त्यागी और उसके साथी जगदीश और महेश को गिरफ्तार कर लिया था और उसी कुछ समय पश्चात देवेंद्र गुप्ता और अशोक को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। बता दें कि नकली प्लाज्मा बनाकर बेचने वाले रैकेट का मास्टरमाइंड अजय शंकर त्यागी था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने #COVID19 की वैक्सीन में मिलावट की आशंका जाहिर की है। प्रदेश में कोई लोगों की जान से खिलवाड़ न कर सके इसलिए मिलावटखोरी पर अब 3 वर्ष की सजा के प्रावधान को आजीवन कारावास में बदलने का फैसला किया है।@BJP4India @drharshvardhan @BJP4MP pic.twitter.com/4Hy5L5E7rq
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) December 22, 2020