ना स्कूल का कोई खर्चा फिर भी फीस पूरी, चोइथराम स्कूल नार्थ कैम्पस में पालकों का हंगामा

Gaurav Sharma
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school fee protest by parents in indore

इन्दौर, आकाश धोलपुरे। निजी स्कूलों (private schools) की मनमानी को लेकर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है और अब ये विवाद इतना बढ़ गया है कि आये दिन किसी निजी स्कूल में पालकों (Parents) को लामबंद होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। दरअसल, कोरोना काल (corona era) में लगे लॉक डाउन (lock down) के बाद कई पालकों की नौकरी तक छूट गई है, वही व्यापार करने वाले पालकों के व्यापार में भी तेज गति नहीं है।

लिहाजा, पूरी साल की फीस (fees) भरने को लेकर स्कूल प्रबंधन द्वारा पेरेंट्स (parents) पर दबाव बनाया जा रहा है। यहां तक कि कथित तौर पर चलने वाली ऑनलाइन क्लासेस (online classes) में भी फीस न भरने पर बच्चों को ग्रुप से बाहर निकाल कर उन्हें अपमानित किया जा रहा है।

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इंदौर (indore) में जागृत पालक संघ याने जागो पालक जागो (jaago palak jaago) द्वारा शुरू से ही निजी स्कूलों द्वारा बनाये जा रहे दबाव के खिलाफ बुलंद होकर आवाज उठाई जा रही है। आज भी इंदौर के निपानिया रोड़ (Nipania Road of Indore) स्थित चोइथराम स्कूल (Choithram School) के नार्थ कैम्पस में बड़ी संख्या पालकों ने नारेबाजी कर विरोध जताया और मनमानी फीस वसूलने को लेकर बनाये जा रहे दबाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर प्रदर्शन किया। स्कूल के बाहरी प्रांगण में पालकों का प्रदर्शन जारी है।

ऑनलाइन क्लासेस के आधार पर स्कूल वसूल रहा पूरी फीस

पालकों ने जो तख्तियां स्कूल की जमीन पर चिपकाई है वो उनके दर्द को बताने के लिए काफी है। पालको की माने तो चोइथराम स्कूल का इस साल पूरे शैक्षणिक सत्र में न तो बिजली का खर्च हुआ और ना ही पानी और खाने का। इतना ही नहीं कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम पर भी कोई खर्च नहीं हुआ तो फिर ऑनलाइन क्लासेस के आधार पर स्कूल कैसे पूरे साल की फीस की मांग कर रहा है। हालांकि इन सवालों के जबाव तो सरकार के पास भी नहीं है, ऐसे में स्कूल संचालको की मनमानी को लेकर पालको का विरोध उग्र होता जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए थे निर्देश

बता दें कि दो दिन पहले जागो पालक जागो संगठन ने इंदौर कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश दिया था कि फीस नहीं भरने वाले बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस से बाहर नहीं किया जाएगा, फिर भी बच्चों को बाहर किया जा रहा है। साथ ही 9वीं में सीबीएसई रजिस्ट्रेशन के लिए भी फीस का दबाव बनाया जा रहा है। संगठन ने स्कूलों के नाम भी बताएं, जहां इस प्रकार का दबाव बनाया जा रहा है।

पेरेन्ट्स का प्रदर्शन  

इसी को लेकर आज चोइथमराम स्कूल के पेरेन्ट्स भी प्रदर्शन कर रहे हैं। निपानिया स्थित चोइथराम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेन्ट्स ने बताया कि कोरोना के कारण मध्यमवर्गीय परिवार पहले ही परेशान हैं और स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस भरने का दबाव लगातार बनाया जा रहा है जो अनुचित है। बार‑बार प्रयास करने के बावजूद भी चोइथराम स्कूल मैनेजमेंट पालकों से मिलने और उनकी परेशानियां सुनने तक के लिए तैयार नहीं है, ना ही प्रिंसिपल बात करने को तैयार हैं और ना ही मैनेजमेंट उनके सवालो का जबाव दे रहा है। पालको ने चोइथराम स्कूल नार्थ कैम्पस के मैनेजमेंट को चेतावनी दी है कि यदि फीस माफ नहीं की जाएगी तो आगे और भी उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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