शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर ड्रग्स केस में गिरफ्तार! जाने श्रद्धा कपूर के भाई से जुड़ी ये रोचक बातें

मनोरंजन, डेस्क रिपोर्ट। शक्ति के कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर (Siddhant Kapoor) बेंगलुरू के होटल में ड्रग्स के मामले में फंस चुके है। इस मामले में बेंगलुरू पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है और उन्हें जुडीशीयल कारवाई के लिए भी भेज दिया गया है। इससे पहले भी उनका नाम ड्रग्स केस से जोड़ा गया था। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के कई सितारों के नाम ड्रग्स केस में सामने आए। पिछले साल में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्हें अब बेगुन्हा करार कर दिया गया है। इस बार श्रद्धा कपूर के भाई सिद्धांत कपूर पर कारवाई की गई और जांच में उनके ड्रग्स लेने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने सिद्धांत को गिरफ्तार कर लिया है। बीती रात उन्हें रेव पार्टी में कथित तौर पर ड्रग्स लेते पकड़ गया, इस दौरान 6 लोग शामिल थे।

यह भी पढ़े… Sarkari Naukari: यहाँ युवाओं के लिए निकली भर्ती, इंटरव्यू के आधार पर होगा चयन

सिद्धांत कपूर का जन्म 6 जुलाई 1984 में मुंबई में हुआ था। Lee Strasberg Theatre and Film Institute में उन्होंने ऐक्टिंग की पढ़ाई की। उन्होंने कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है। इस लिस्ट में भागम भाग, चुप चुप के, भूल भुलैया और ढोल जैसी फिल्में भी शामिल है। बता दें की सिद्धांत कपूर प्रोफेशनल डिस्को jockey हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्हें बेगलुरु के होटल में DJ के तौर पर बुलाया गया था।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"