नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार के 7th Pay commission कर्मचारियों (employees) को जल्द ही कई बड़े लाभ मिल सकते हैं। दरअसल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस वर्ष 4 बड़े फायदे होते नजर आ रहे हैं लेकिन जुलाई महीने में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सैलरी में बंपर वृद्धि (salary hike) की उम्मीद की जा रही है। जिसका इंतजार कर्मचारी भी कर रहे हैं। एक तरफ जहां DA में 5 से 6 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। वहीं फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) सहित ईपीएफ लिमिट (EPF Limit) और डीए एरियर (18 months DA Arrears) सभी कर्मचारियों को सरकार बड़ी राहत दे सकती है। वहीं इन वृद्धि के साथ केंद्रीय कर्मचारियों को लगभग 30000 से लेकर ₹100000 तक वेतन में वृद्धि का लाभ मिल सकता है।
क्या DA में 5-6% की बढ़ोतरी संभव है?
इस साल अब तक अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मियों को डीए में 5 फीसदी का बड़ा इजाफा (DA Hike) होने की संभावना है। पहले की अनुमानित 4% की वृद्धि की तुलना में, इस राशि में एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीँ मीडिया अनुमान के मुताबिक यह प्रतिशत 6% तक बढ़ सकता है यदि मई के लिए AICPI डेटा (AICPI Data) अपने बढ़ते ट्राजेक्टोरी को जारी रखता है।
इस साल जनवरी में 3 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अनुमानित 5 प्रतिशत वृद्धि से डीए बढ़कर 39 प्रतिशत हो जाएगा। जहां वर्तमान में DA 34 प्रतिशत है। यदि यह बढ़कर 6 प्रतिशत हो जाता है, तो यह भारत और दुनिया भर में बढ़ती मुद्रास्फीति के समय में एक बहुत बड़ा बढ़ावा होगा। इस तरह की वृद्धि के साथ आय 3,400 रुपये प्रति माह या 40,000 रुपये से थोड़ा अधिक बढ़ सकती है।
EPF Limit
वहीं दूसरी तरफ से पीएफ के पैसे लिमिट (EPF Limit) बढ़ने की संभावना जताई जाती है बता दे कि इपीएफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2021 बारिश के लिए सदस्यों के खाते में 8.10% वार्षिक ब्याज दर (annual interest rate) जमा की जाएगी। आधिकारिक घोषणा के बाद जल्दी EPFO ग्राहकों और कर्मचारियों के खाते में ब्याज दर की राशि को जमा किया जाएगा।
दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा कर्मचारियों को एक अन्य खुशखबरी दी जा सकती है। ईपीएफओ के तहत वेतन की अनिवार्य सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि अभी वर्तमान में यह सीमा ₹15000 की है। जिसे बढ़ाकर ₹21000 किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसका एक प्रस्ताव हाई लेवल मीटिंग के लिए भेजा गया है। वित्त मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव पर सहमति जताई गई है कि प्रस्ताव पर सहमति बनते ही 75 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है।
हालांकि इपीएफ पेंशन लिमिट बढ़ाने पर अभी सरकार की तरफ से कोई अधिकारी घोषणा नहीं की गई है। इसके लिए 4 साल पहले वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके लिए लिमिटेड को 15000 रूपए से बढ़ाकर 21000 रूपए प्रतिमाह करने का प्रस्ताव दिया गया था।
बता दे किसके लिए अपनी संशोधन 2014 में किया गया था। जिसके लिए पीएफ वेतन सीमा को 6500 रूपए बढ़ाकर 15000 रूपए किया गया था। मगर इस बार आंकड़ा बढ़ता है तो 75 लाख कर्मचारियों को इसका बड़ा लाभ देखने को मिल सकता है। इसके अलावा फिटमेंट फैक्टर पर भी बड़ी अपडेट सामने आ रही है।
फिटमेंट फैक्टर
केंद्र सरकार कर्मचारी संघ फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की मांग कर रहा है। अगर सरकार उनकी मांग मान लेती है तो सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन भी 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाएगा। इससे पहले सरकार ने 2017 में एंट्री लेवल पर सैलरी बढ़ाई थी। उस वक्त बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई थी। यदि फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि की जाती है, तो कर्मचारियों को जुलाई में उनके मूल वेतन में वृद्धि के साथ-साथ बढ़े हुए डीए में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
क्या क्लियर होगा 18 महीने पुराना डीए एरियर?
18 माह से बकाया महंगाई भत्ते (डीए) के बकाया भुगतान की खबरों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। हाल के सूत्रों की माने तो लगातार इंकार के बाद सरकार एक बार फिर इस पर विचार कर सकती है। दरअसल जनवरी 2020 से जून 2021 तक के डीए एरियर के भुगतान की समस्या का जल्द ही समाधान हो सकता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एक ही भुगतान में 2 लाख रुपये के सभी बकाया प्राप्त करने की संभावना को नहीं छोड़ना चाहिए। कर्मचारियों के वेतन बैंड और स्ट्रक्चर डीए बकाया की राशि को प्रभावित करेगी।
बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए साल में दो बार जनवरी और जुलाई में मिलता है। आमतौर पर, घोषणा मार्च और सितंबर के बीच होती है। वित्त मंत्रालय ने कोरोना महामारी के कारण जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में वृद्धि को सीज कर दिया है।
जुलाई 2021 में जब कर्मचारियों का डीए 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी किया गया, तब इसे फिर से लागू किया गया था। अक्टूबर में DA फिर से बढ़ा, 31 प्रतिशत तक पहुँच गया, और फिर जनवरी में, इसमें बढ़ोतरी के बाद ये 34 प्रतिशत तक पहुँच गया था।