शिमला, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र ने सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों (employees) के लिए 1 जुलाई से महंगाई भत्ते (DA) की दर में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। इससे संकेत लेते हुए प्रदेश सरकार ने भी IAS, IPS और IFS अधिकारियों के DA की दर में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। मामले में एक अधिसूचना भी जारी की गई थी। वही अधिसूचना (notification) अब वापस ले ली गई है। जिससे सरकारी सेवकों को बड़ा झटका लगा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में तैनात IAS, IPS और IFS अधिकारियों के लिए DA की दर में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। यह सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए केंद्र के कदम के अनुरूप था। राज्य सरकार ने जहां IAS, IPS और IFS अधिकारियों के लिए 11 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की, वहीं राज्य कर्मचारियों के लिए DA की दर 153 प्रतिशत की मौजूदा दर से 159 प्रतिशत तक 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।
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IAS, IPS और IFS अधिकारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए बढ़ोतरी में अंतर कथित तौर पर समूह के बीच नाराजगी का कारण बना। विभिन्न कर्मचारी संघों की आलोचना का सामना करने के बाद, राज्य सरकार ने IAS, IPS और IFS अधिकारियों के लिए DA की दर में 11 प्रतिशत की वृद्धि जारी करने वाली अधिसूचना को वापस ले लिया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर वापसी का ऐलान किया।
कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों में भारी नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने एक समाचार पत्र के हवाले से कहा कि अन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ-साथ अधिकारियों को भी महंगाई भत्ता दिया जाएगा। 7 वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों की डीए दर में तीन वेतन वृद्धि, Corona के प्रकोप के बाद केंद्र द्वारा रोक दी गई थी।
केंद्र द्वारा जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 से देय वेतन वृद्धि, 1 जुलाई, 2021 से लागू हुई। कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए डीए दर में 11 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा करने के लिए केंद्र के नक्शेकदम का पालन किया था।