नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। अफगानिस्तान (Afganistan) में निजाम बदल गया और एक बार फिर तालिबान (taliban) का कब्जा हो गया। लेकिन कहने के बावजूद तालिबान वैसा का वैसा ही है, जरा भी नहीं बदला। वहां खौफ का आलम अभी भी बरकरार है। अमेरिकी सैनिकों के तय समय से एक दिन पहले रवानगी के बाद से अफगानिस्तान की सरजमी पर अब तालिबान का कब्जा है। 20 साल पहले अमेरिका (USA) ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो वहां पर बहुत सी व्यवस्थाओं को परिवर्तित करने का प्रयास भी किया था।
इनमें आधुनिक शिक्षा भी एक थी। इसके लिए काबुल (kabul) में अमेरिकी यूनिवर्सिटी (America university) की स्थापना की गई थी जहां पाश्चात्य शिक्षा देने की व्यवस्था थी। अफगानिस्तान के युवाओं ने इस यूनिवर्सिटी के प्रति अच्छा खासा क्रेज दिखाया और यहां पढे कई छात्र-छात्राएं विदेशों में भी नौकरी कर रहे हैं। लेकिन अब अमेरिका के जाने के बाद जहां अध्यनरत छात्राएं बेहद खतरा महसूस कर रही हैं।
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बीबीसी (BBC) की एक पत्रकार का दावा है कि अमेरिका यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राओं को तालिबान ने बलात्कार कर जान से मारने की धमकी दी है। एक ट्वीट के माध्यम से इस महिला पत्रकार ने लिखा है कि काबुल में अमेरिकी यूनिवर्सिटी की छात्राओ का कहना है कि तालिबान को उनके नाम और घर का पता मालूम है। एक छात्रा को मिले मैसेज में लिखा है ‘तुम अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी और सरकार के लिए काम करती थी। थोड़ा इंतजार करो। हम तुमसे निपटेगे।’
एक और मैसेज में इस छात्रा से कहा गया है ‘हम तुम्हारा रेप करेंगे और तुम्हें मार देंगे।’ ज्यादातर छात्राएं छुप कर रह रही है और डरी हुई है। उनको हर समय यह डर लगता है कि कहीं तालिबानी उन्हें उठाकर ना ले जाए। हालाकि तालिबान ने महिलाओं की सुरक्षा देने का वादा किया है और शरियत में मिले उनके अधिकार देने की भी बात की है। लेकिन जिस तरह से तालिबान का महिलाओं के प्रति पूर्ववर्ती रवैया रहा है उसे देखते हुए लगता नहीं कि वह अपने वादे पर खरा उतरेगा।