उत्तरी मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तर मध्य का सबसे संरक्षित क्षेत्र माना जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व एआईबीए सेट होने के कारण प्रदेश का तीसरा बायोस्फीयर रिजर्व सेंटर भी है। पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया है।
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पन्ना टाइगर रिजर्व 16000 किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसने घाटी, घास के पहाड़ सहित और केन नदी के कारण यहां पर पक्षी और पशुओं के लिए अनुकूल आवास उपलब्ध करवाए जाते हैं। मध्यप्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व के मामले में भी उपयुक्त माना जाता है। पूरे देश में गिद्ध की सबसे अच्छी संख्या पन्ना टाइगर रिजर्व में ही है। इसके साथ ही 4 मार्च से 6 मार्च तक पन्ना टाइगर रिजर्व में पक्षी सर्वेक्षण आयोजित किया गया था।
इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए देश के 22 राज्य और केंद्र शासित राज्यों से 450 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें से 60 का चुनाव कर 28 टीम निर्मित की गई थी। इन टीम ने 3 दिन तक पन्ना टाइगर रिजर्व में रहकर कैंपों में रहकर, वन क्षेत्र, झाड़ झंकार वाले क्षेत्र में पाए जाने वाले पक्षियों पर डॉक्यूमेंट्री तैयार किया था।
वही जारी सर्वेक्षण ने प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में 247 प्रजाति के पक्षी मिले हैं। जिनमें से 21 पक्षी आईयूसीएन (IUCN) के संकटग्रस्त प्रजाति की सूची में शामिल है। इसके अलावा कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षी सहित सफेद पूछ वाले मार्शल आयोरा, ओरिएंटल पाइन्ड हर्नबिल ओरिएंटल चितकबरा और हॉर्नबिल सहित धारीदार ग्रासबर्ड, ब्लैक-विंगड कुक्कूश्राइक काले और पंखों वाला कुक्कूश्रीके, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क काले टाइटलर्स लीफ वार्बलर टाइटलर का पत्ता वार्बलर और गर्दन वाले सारस इत्यादि पाए जाते हैं।
इसके अलावा विपक्षी सर्वेक्षण ने कई दुर्लभ प्रजातियों के पंछी मिले हैं साथ ही खेतवा के अलग-अलग हिस्से में भी कई प्रजातियां देखने को मिली है। जिसके बाद जल्द अब पन्ना टाइगर रिजर्व पंछियों के लिए भी जाना जाएगा।