2023 विधानसभा चुनाव से पहले घोषणाओं की झड़ी, पुरानी पेंशन योजना सहित संविदा-आउट सोर्स कर्मचारी के लिए बड़े ऐलान

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में विधानसभा चुनाव (assembly election 2023) को लेकर तैयारियां शुरू हो गई। दरअसल कमलनाथ (kamalnath) के employees-pensioners के लिए पुरानी पेंशन घोषणा के बाद एक बार फिर से चुनावी घोषणाएं को बल मिलने लगा है। बीते दिनों कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में Congress सरकार की वापसी पर पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) लागू करने की घोषणा की थी। वहीँ अब नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (govind singh) ने संविदा कर्मचारियों (contractual employees ) को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है।

दरअसल कमलनाथ की चुनावी घोषणाओं के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि यदि कांग्रेस के सरकार 2023 में विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आती है तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं गोविंद सिंह ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को भी संविदा के पद पर नियुक्ति दी जाएगी।

मीडिया से चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता गोविंद सिंह ने 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो संविदा कर्मचारियों के लिए यह बेहद सुखदाई होगा। संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। वहीं जिन कर्मचारियों के संविदा के तौर पर 3 साल पूरे हो चुके हैं। उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाएगा।

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वही नियमित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू की जाएगी। गोविंद सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को ठेकेदार परेशान करते हैं। ऐसे में इस प्रथा को बंद किया जाएगा। गोविंद सिंह ने कहा कि राज्य के आउट सोर्स प्रथा बंद आउटसोर्स कर्मचारी को संविदा कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति दी जाएगी।

बता दे इससे 1 दिन पहले कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की मांग को देखते हुए बड़ी घोषणा कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि राजस्थान सरकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंसन योजना बहाल की जाएगी। दरअसल मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय अधिवेशन में शामिल हुए कमलनाथ ने कहा था कि यदि 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस की मध्य प्रदेश में वापसी होती है तो प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा और कर्मचारियों पेंशनर्स को इसका लाभ दिया जाएगा।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बंद कर दिया गया है। कर्मचारियों पेंशनर्स के लिए नई पेंशन योजना लागू की गई। हालांकि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति होने पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग लगातार जारी है। छत्तीसगढ़ सरकार की घोषणा होने के बाद एक बार मध्यप्रदेश में फिर से इसकी मांग तेज हो गई है। जिसके बाद अब 2023 के विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना को चुनावी मुद्दा बना दिया गया है। वहीँ बड़े-बड़े ऐलान किए जा रहे हैं।

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चुनावी घोषणाओं का चुनाव पर कितना असर होता है, यह तो बाद की बात है लेकिन 2023 में होने वाले मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। वहीं बड़ी घोषणा देखने को मिल रहे हैं। इधर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 21 मई को विधायक दल की बैठक बुलाई है। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद गोविंद सिंह की अध्यक्षता में यह पहली बैठक होगी। जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।


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