भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के नाम एक नई उपलब्धि शामिल हो गई है। दरअसल दूध उत्पादन (milk production) में MP ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही दूध उत्पादन में रिकॉर्ड सिर्फ बनने की संभावना जताई जा रही है। इस वर्ष राज्य में दूध उत्पादन लगभग 19000 टन का आंकड़ा पार कर चुका है। प्रदेश की 10205 दुग्ध सहकारी समितियां (Milk Cooperative Societies) है। जिसमें दूध का संकलन बढ़ाया गया है।
वही आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2021 में प्रदेश को यही उपलब्धि प्राप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016-17 में 13445 टन दूध का उत्पादन किया गया था। वहीं 2020-21 में आंकड़ा बढ़कर 17999 टन पहुंच गया है।
2015-16 से पहले प्रदेश दूध उत्पादन में काफी पीछे था। 12000 टन से कम दूध उत्पादन को देखते हुए सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू किए गए। फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए गाय भैंस को बचाने के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। पौष्टिक पशु आहार की सहकारी केंद्र खुलवाए गई। गाय भैंस की सेहत सुधारी गई। जिसके बाद 4 साल में साढे 4000 टन से अधिक दूध का उत्पादन किया गया है।
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आंकड़ों की माने तो 2016-17 में दूध उत्पादन 13445 टन हुआ था। वहीं 2017-18 में यह आंकड़ा 14713 हजार तक पहुंचा था। 2018-19 में दूध उत्पादन 15911 जबकि 19-20 में यह आंकड़ा 17109 हुआ था। वहीं 2020-21 में आंकड़ा 17999 पहुंच गया था।
प्रदेश में 190 दुग्ध सहकारी समिति थी। जिसे बढ़ाकर 10205 किया गया है। वहीं हर साल दूध उत्पादन का सर्वे कराया जाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में सर्वे हुआ। जिसके बाद दूध उत्पादन का आंकड़ा 19000 टन को पार करने के अंदाजा लगाया जा रहे हैं। वहीं इस मामले विभाग के अधिकारियों की माने तो आंकड़े केंद्र स्तर पर घोषित किए जाते हैं। इसीलिए सिंचाई का रकबा बढ़ने, कृषि उत्पादन बढ़ने से प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ रहा है।