नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कर्मचारियों (Government Employees) के लिए आदेश पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों का रोटेशन ट्रांसफर (rotational transfer) करना आवश्यक होगा। मामले में मंत्रालय का कहना है कि समय-समय पर इन पदों के संचालन में कई खामियां देखी जा रही है। इसलिए इस बात का खासा ध्यान रखना होगा और संवेदनशील पदों पर नियुक्त कर्मचारियों को दो से 3 वर्षों के बाद रोटेशनल ट्रांसफर सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
आदेश में कहा गया है कि सीवीसी सर्कुलर संख्या 03/09/13 दिनांक 11.09.2013 एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का कार्यालय ज्ञापन सं. एफ.सं. 29062/6/2015-AIS(I)(पीटी.आई) दिनांक 30.09.2015, उपर्युक्त विषय के तहत जारी दिशा-निर्देशों का संदर्भ आमंत्रित करना है। इन दिशानिर्देशों को समय-समय पर अनुपालन के लिए सभी के ध्यान में लाया गया है।
इन दिशानिर्देशों के अनुसार मंत्रालयों/विभागों/संगठनों और मुख्य सतर्कता अधिकारियों को इन पदों पर कार्यरत संवेदनशील पदों और कर्मचारियों की पहचान करनी है और निहित स्वार्थ के विकास से बचने के लिए प्रत्येक 2/3 वर्षों के बाद उनका रोटेशनल स्थानांतरण भी सुनिश्चित करना है।
अधिक रुकने और निरंतर पोस्टिंग से भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त होने, निहित स्वार्थ विकसित करने आदि की गुंजाइश बनती है, जो संगठन के हित में नहीं हो सकता है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि संवेदनशील पदों/नौकरियों वाले अधिकारियों के आवधिक रोटेशन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
ओ/ओ सीजीए ने दिनांक 06.12.2019 के का.ज्ञा.सं.ए.19015/रिव्यू ऑफ मैकेनिज्म/2017/एमएफ.सीजीए/जीआर.बी/208 के तहत कई संवेदनशील वर्गों की पहचान की थी। यह आदेश प्रशासन, स्थापना सहित (खरीद से निपटना) /OA/DEO/MTS की खरीद/नियुक्ति/वाहनों को किराए पर लेना/नकद की हैंडलिंग/स्थानांतरण और पोस्टिंग/सतर्कता कार्य), पूर्व-जांच और सीजीए के संगठन के तहत संबंधित प्रधान सीसीए/सीसीए/सीए द्वारा तय किए गए किसी भी अन्य अनुभाग में निर्धारित होंगे।
उनसे आगे अनुरोध किया गया कि वे इस कार्यालय को सूचित करते हुए उनकी कार्यात्मक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अपने संबंधित मंत्रालय/विभाग में संवेदनशील अनुभागों/पदों की पहचान करें। आदेश में कहा गया है कि इसकी जाँच प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। वहीँ इन सबको ध्यान में रखते हुए सभी Pr. CCA/सीसीए/संयुक्त सीजीए/सीए (आईसी) से अनुरोध किया गया है कि वे सीवीसी और डीओपीटी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करें। वहीँ इस आदेश को महालेखा नियंत्रक के अनुमोदन से जारी किया जाता है। ‘