नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में फर्जी राशन कार्ड (Fake ration card) को लेकर मुहिम शुरू कर दी गई है। दरअसल लगातार कई राज्यों को फेंक राशन कार्ड धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार सचेत हो गई है। वहीं सभी जिलों में राशन कार्ड धारक (ratoion card holders) और अपात्र के राशन कार्ड निरस्त (suspend) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रदेश में हजारों लोगों ने अपने राशन कार्ड को निरस्त कर दिया है।
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार सहित अन्य राज्यों में फर्जी राशन कार्ड धारकों पर कार्रवाई शुरू हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ किसान निधि (PM Kisan) के 11 किस्त से पहले भी अपात्र किसानों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य विभाग की माने तो उत्तर प्रदेश में अब तक 3000 से अधिक लोगों ने अपने राशन कार्ड सेंड कर दिए हैं। वहीं वह लोग हैं जो सरकार की विभिन्न संस्था राशन योजनाओं के लिए पात्रता नहीं रखते हुए राशन की सुविधा ले रहे थे।
बता दें कि जो लोग ₹15000 मासिक आमदनी से ऊपर उठ चुके हैं। अंत्योदय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पात्र नहीं है। इन लोगों को 31 मई तक अपने राशन कार्ड से मिश्रण करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं 1 जून से विभागीय स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाएगा। जिसमें अपात्र पाए जाने वाले फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ FIR दर्ज कर उनसे वसूली की जाएगी।
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सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए समावेश और बहिष्करण मानदंड पर भी प्रकाश डाला है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य लोगों को ही लाभ मिले। अधिकारियों ने कहा कि कई और लोगों के राशन कार्ड सरेंडर करने की संभावना है। यूपी सरकार का यह कदम राज्य विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद आया है, जिसमें माना जाता है कि मुफ्त राशन वितरण योजना का भारतीय जनता पार्टी की जीत पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। हालांकि, अपात्र राशन कार्ड होल्डर्स द्वारा सत्यापन अभी भी जारी है और राशन कार्ड धारकों की पात्रता की जांच के लिए उनकी जांच की जा रही है। जिला आपूर्ति कार्यालय रिकार्ड के अनुसार वर्तमान में 7,86,218 राशन है।
इधर एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत अभी श्रम पोर्टल को एकत्रित करने की प्रक्रिया भी सरकार द्वारा अपनाई जा रही है। इस मामले में बड़ा बयान देते हुए मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पंजीकृत करने सामाजिक सुरक्षा तक पहुंचने में मदद करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा श्रम पोर्टल और वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को एकत्रित करने की तैयारी की जा रही है।
मंत्री भूपेंद्र यादव का कहना है कि हम पीडीएस दुकानों से मासिक खाद्यान्न संग्रह के स्थान डेटा के आधार पर वन नेशन वन राशन कार्ड के साथ ई-श्रम के एकीकरण की प्रक्रिया में हैं। यह परिकल्पना की गई है कि ई-श्रम पर स्थायी पता डेटा के साथ स्थान डेटा की तुलना ई-श्रम के भीतर प्रवासी श्रमिकों की पहचान करने में मदद करेगी। वहीँ इस योजना के तहत मुख्य मुद्दा यह सुनिश्चित करना है कि कार्यकर्ता का स्थान सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुँचने में बाधा नहीं है। वहीँ उन्होंने कहा ई-श्रम राज्य सरकारों के साथ सभी प्रासंगिक डेटा को गतिशील तरीके से साझा करेगा।