भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Elections) के लिए प्रक्रिया (process) में तेजी लाई जा रही है। दरअसल त्रिस्तरीय पंचायतों के परिसीमन (delimitation) का काम पूरा कर लिया गया। वहीं पंचायतों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। वही 25 अप्रैल तक मतदाता सूची (voter’s list) तैयार होने की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा कि 25 अप्रैल तक मतदाता सूची तैयार होने के बाद सरकार पंचायतों का आरक्षण (reservation of panchayats) करेगी।
इधर सरकार ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या सहित राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा जानकारी एकत्रित कर ली गई है। जिसका परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद इसका प्रतिवेदन सीएम शिवराज को सौंपा जाएगा। जिसके आधार पर पंचायतों का आरक्षण तय किया जाएगा।
आयोग के सचिव बीएस जामोद की माने तो 16 अप्रैल तक दावे आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे। जिसका निराकरण करने के बाद 25 अप्रैल तक मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। आरक्षण की प्रक्रिया शासन स्तर पर होगी।जिसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन सीएम शिवराज से पहुंचेंगे। उनके बाद आरक्षण किया जाएगा।
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बता दे कि सरकार पंचायत चुनाव अन्य पिछड़े वर्ग के 27% आरक्षण के साथ ही करेगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अभी से संबंधित जानकारी एकत्रित करने के आदेश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं। इसके माध्यम से सर्वे का कार्य पूरा किया जा रहा है। जिसके बाद इस आधार पर तैयार प्रतिवेदन राज्य शासन को सौंपा जाएगा।
मध्य प्रदेश में 2014 के बाद से पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं। इससे पूर्व की सरकार द्वारा परिसीमन कराया गया था लेकिन कमलनाथ सरकार चुनाव से पहले सत्ता परिवर्तन हो गया और शिवराज सरकार ने 2019-20 में कराये गये परिसीमन को निरस्त करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नए सिरे से परिसीमन के निर्देश दिए थे। हालांकि परिसीमन को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। वहीं दलील दी गई कि परिसीमन में रोटेशन का पालन नहीं किया गया है।
इसके साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित स्थानों को अनारक्षित श्रेणी में अनुसूचित कर चुनाव कराने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसके बाद मामला बिगड़ते देख राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम निरस्त कर दिए और परी पंचायतों के परिसीमन नए सिरे से करने के आदेश जारी कर दिए थे। हालांकि अब परिसीमन का कार्य पूरा कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव के लिए 1 जनवरी 2022 की स्थिति में तैयार करना शुरू कर दिया है।