नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में जल्द शिक्षकों के हजारों पदों पर भर्ती (teacher Recruitment) पर आयोजित की जाएगी। दरअसल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (dharmendra pradhan) ने इस मामले में बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि 6 से 8 महीने में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय (central university) में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। वहीं शिक्षक नियुक्ति मैं लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ भी मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ी बात कही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को यहां कहा कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त शिक्षण पदों पर भर्ती 6-8 महीने के भीतर खत्म हो जाएगी। विशेष भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सभी रिक्त पदों को भरने का काम 6-8 महीने में पूरा हो जाएगा। हाल ही में, प्रधान ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6,558 शिक्षण और 15,227 गैर-शिक्षण पद खाली हैं। 4,000 से अधिक शिक्षण पदों की भर्ती के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है।
वही मोदी सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि शिक्षक भर्ती में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। राज्य शिक्षक भर्ती नियम को लेकर सचेत रहें। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में देरी और घोटाले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भविष्य की पीढ़ी को बनाने वाले शिक्षक नियुक्ति में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने वाली सभी को सजा का प्रावधान हो। साथ ही यदि शिक्षक नियुक्ति में लापरवाही बरती जा रही है तो राज्य सरकार को इस की चिंता करनी चाहिए।
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संसद के कई सदस्यों ने ओडिशा में एक सहित देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्तियों पर चिंता जताई है। 6 अप्रैल को राज्यसभा में बीजद सदस्य सुजीत कुमार ने ओडिशा के केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूओ), कोरापुट में संकाय सदस्यों की बड़े पैमाने पर रिक्तियों पर चिंता जताई थी। इस विश्वविद्यालय में स्वीकृत 154 शिक्षण पदों में से 137 रिक्त पड़े हैं। इस संस्थान में सीयूओ (शिक्षा मंत्रालय की अक्टूबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार) के 89 प्रतिशत शिक्षक पद खाली हैं।
यह कोई निजी संस्थान या कोई साधारण कॉलेज नहीं है। यह कोरापुट में ओडिशा का केंद्रीय विश्वविद्यालय है। कुछ लोगों के लिए यह चौंकाने वाला हो सकता है। विश्वविद्यालय में कोई पूर्णकालिक कुलपति नहीं है। इसमें 14 नियमित विभाग हैं और केवल 17 नियमित शिक्षक हैं, जिसका अर्थ है 950 की छात्र संख्या के लिए प्रति विभाग लगभग एक शिक्षक है, जो खतरनाक है।