Employment: उद्यमियों को लेकर मप्र सरकार का बड़ा फैसला, अनुदान मुहैया कराएगी

Pooja Khodani
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शिवराज सरकार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह का बड़ा बयान सामने आया है।मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि MP में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावनाएँ हैं और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर रोजगार की सर्वाधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इसे अपनाकर उद्यमी अपनी आय के साथ किसानों की आय बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही बेरोजगारों को भी बड़े पैमाने पर रोजगार दे सकते हैं। फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के इच्छुक उद्यमियों को मप्र सरकार कच्चा माल, अनुदान और बाजार मुहैया करायेगी।

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आज उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह  “खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय में संभावनाएँ” विषय पर आयोजित हुए सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि आने वाला समय फूड प्रोसेसिंग का है। इसलिए उद्यमी बेझिझक इस क्षेत्र में आगे बढ़ें। प्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग उद्यम स्थापित करने में कोई बाधा नहीं आने देगी। मप्र सरकार राज्य उद्योग संवर्धन नीति के तहत उद्यमियों को बड़ी मदद देती है। मप्र सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रोत्साहन योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत 25 प्रतिशत से ज्यादा अनुदान दे रही है।

मंत्री भारत सिंह ने बताया कि साथ ही उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के तहत भी कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए बड़ा अनुदान मप्र सरकार द्वारा दिया जाता है। भारत सरकार के बागवानी बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से 2 करोड़ और उससे अधिक भी अनुदान प्राप्त किया जा सकता है। उद्यमी सरकार के अनुदान के आधार पर 5 हजार मैट्रिक टन और उससे बड़े कोल्ड स्टोर भी खोल सकते है। उन्होंने कहा मप्र सरकार MSME प्रोत्साहन योजना के तहत लगभग 10 हजार 500 छोटी औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित करने जा रही है, जिससे प्रदेश के 85 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

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मंत्री  कुशवाह ने जानकारी देते हुए कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मप्र सरकार द्वारा सभी 52 जिलों के लिए “एक जिला – एक उत्पाद” कार्यक्रम लागू किया गया है। केन्द्र सरकार की योजनाओं से अनुदान प्राप्त कर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए सर्वाधिक आवेदन MP के उद्यमियों ने प्रस्तुत किए हैं। जल्द ही इनका निराकरण होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में दिक्कत होने पर विभाग के मंत्रालय अथवा उनसे सीधे संपर्क किया जा सकता है।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में कैट (कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) और कृषि विश्वविद्यालय की सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इक्यूवेशन एण्ड एंट्रोप्रेन्योरशिप कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में सेमीनार हुआ। ग्वालियर एवं चंबल अंचल के फूड प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों ने सेमीनार में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। साथ ही वर्चुअल रूप से MP के विभिन्न जिलों के उद्यमी इसमें शामिल हुए।

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कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस के राव ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने उद्यमियों एवं किसानों को एंट्रोप्रेन्योर बनाने के उद्देश्य से नाबार्ड के सहयोग से सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इक्यूवेशन एण्ड एंट्रोप्रेन्योरशिप कंपनी का गठन कर बेहतर प्लेटफार्म मुहैया कराया है। इसके लिए लगभग 60 से 70 आर्थिक गतिविधियां चिन्हित की गई हैं। ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय में यह कंपनी बनने से निश्चित तौर पर ग्वालियर-चंबल अंचल के किसानों एवं उद्यमियों को विशेष फायदा पहुँचेगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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