नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सोशल मीडिया (social media) को लेकर भारत में नई गाइडलाइन (New guideline) तैयार की गई है जिसको मानने के निर्देश सभी सोशल मीडिया साइट को दिए गए। इस बीच Twitter और सरकार के बीच आर पार की लड़ाई शुरू हो गई है। Twitter ने सरकार की नई गाइडलाइन पर सवाल उठाते हुए गोपनीयता के हनन का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी तरफ Twitter के बयान के बाद केंद्र सरकार द्वारा सख्त लहजे में ट्विटर पर पलटवार किया गया। सरकार ने कहा है कि भारत में रहने के लिए ट्विटर को आईटी मंत्रालय (T Ministry) की ओर से बनाए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
केंद्र सरकार के IT मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ट्यूटर को इधर-उधर की बातें बंद करनी चाहिए और भारत के नियमों को मानना होगा। किसी भी देश में कानून और नीति बनाने का अधिकार एक देश का होता है। Twitter एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसलिए भारत में इसी कानूनी प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए। इसमें ट्विटर को दखल देने की आवश्यकता नहीं है।
Read More: कोरोना के बीच मप्र के 6 लाख हितग्राहियों को लाभ देंगे सीएम शिवराज
भारत सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया Twitter द्वारा लगातार बड़े लोकतंत्र पर अपने नियम थोपने की कोशिश की जा रही हैहै इसके साथ ही भारत के लीगल सिस्टम (legal system) को कमजोर करने की कोशिश भी Twitter द्वारा की जा रही है, जो कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बता दें कि Twitter द्वारा भारत सरकार पर डराने और धमकाने के आरोप लगाए गए हैं। Twitter ट्विटर ने बयान जारी करते हुए कहा था कि वह उन गाइडलाइन का पालन नहीं करेगा, जो भारत सरकार द्वारा आपराधिक गतिविधियां रोकने के लिए तैयार की गई है।
आर पार की लड़ाई में IT मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है Twitter द्वारा भारत के नीति और कानून नहीं बनाये जा सकते। आपराधिक जिम्मेदारी से सुरक्षा देना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का काम है। आईटी मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि Twitter ने भारत में अब तक ऐसे ही मैकेनिज्म तैयार क्यों नहीं किया।
भारत सरकार ने कहा कि Twitter को भारत से अच्छा रेवेन्यू मिलता है लेकिन Twitter ने भारत में अब तक अपने नोडल अफसर नियुक्त नहीं किए हैं। इसके लिए भारतीय यूजर्स को अमेरिका स्थित ट्विटर हेड क्वार्टर से संपर्क करना होता है। जो कि अनुचित है अब भारत में अपनी व्यवस्था बनाए रखने के लिए ट्विटर को IT मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नियम मान्य होंगे। भारत के आंतरिक मामलों दख़ल देने का हक़ ट्विटर को नहीं दिया जा सकता।