भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers) को एक और बड़ी राहत दी गई है। दरअसल अब किसानों से समिति मनमाना ब्याज शुल्क (interest charge) नहीं वसूल पाएगी। इस पर नकेल कसने की तैयारी कर ली गई है। सहकारिता विभाग (cooperative Department) ने इस मामले में बड़ा फैसला लिया है। जिसका फायदा निश्चित ही लाखों किसानों को होगा।
दरअसल सहकारी समिति द्वारा किसानों से अधिक दंड ब्याज 4% तक वसूला जा रहा है। जिसके बाद मनमानी ब्याज से किसानों को छुटकारा देने के लिए सहकारिता विभाग ने दंड ब्याज की लिमिट तय कर दी है। सहकारिता विभाग का कहना है कि अब सहकारी समितियां अधिकतम 2% की सीमा पर ही दंड ब्याज किसानों से वसूल सकेगी। इतना ही नहीं सहकारिता विभाग ने सभी सहकारी संस्थाओं को निर्देश भी दिए हैं कि किसी भी सूरत में किसी भी किसानों से 2% से अधिक ब्याज दंड नहीं लिया जाएगा।
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शिवराज सरकार द्वारा किसानों को खरीफ और रबी फसलों के लिए ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराती है। इसके लिए किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के माध्यम से यह कर्ज उपलब्ध कराए जाते हैं। खरीफ फसलों के लिए जहां 28 मार्च को कर्ज चुकाना अनिवार्य होता है। वही रबी फसल के लिए 15 जून तक किसान का कर्ज चुकाया जाना तय किया गया है। जो किसान इस अवधि तक ऋण का भुगतान नहीं कर पाते हैं उन पर सहकारी समिति डंड वसूलते हैं।
अभी तक सहकारी समितियों की तरफ से 4% की दर से दंड ब्याज वसूला जा रहा था। जिसे अब घटाकर सहकारिता विभाग द्वारा 2% कर दिया गया है। इस मामले में सहकारिता के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सिंगर का कहना है के विभाग में 2% से अधिक दंड ब्याज वसूल नहीं करने के नियम तय कर दिए हैं। साथ ही यदि सहकारी समिति जिला बैंक को समय पर ऋण का भुगतान नहीं करती है तो उसे दो की जगह 1 प्रतिशत दंड ब्याज वार्षिक देना होगा।
इसके अलावा शिवराज सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए एकमुश्त समझौता योजना भी तैयार की जा रही है। इससे पहले सीएम शिवराज द्वारा ऋण चुकाने की वजह से डिफॉल्टर हुए किसान को ब्याज माफी देने की घोषणा की गई है। जिसका फायदा 15 लाख से अधिक किसानों को होगा। वही 15 लाख किसानों के ऊपर अभी भी ₹5000 करोड रुपए से अधिक के ऋण बकाया है।