सफलता के मंत्र कार्यक्रम में शिवराज ने बताया मामा का अर्थ

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बच्चे बच्चियों में मामा के नाम से प्रसिद्ध हो चुके मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मामा शब्द का एक नया अर्थ बच्चों को दिया। वे भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित सफलता के मंत्र कार्यक्रम में यूपीएससी में चयनित बच्चों के संवाद कार्यक्रम मे बोल रहे थे।

भोपाल के मिंटो हॉल में बुधवार को सफलता के मंत्र कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से इस बार यूपीएससी में सर्वाधिक 37 प्रतिभागी चयनित हुए हैं। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें जब बच्चे मामा कहते हैं तो उन्हें यह अनुभूति तो होती ही है कि वह दो दो माओं का दायित्व निभा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने मामा शब्द का एक नया अर्थ बच्चों को दिया।

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शिवराज ने मामा का एक और मतलब बताते हुए कहा – MAMA मतलब M…Mentor यानी सही दिशा दिखाने वाला A..Availability यानी अवेलेबल, ज्यादा से ज्यादा उपलब्धता, M..Mobiliser से मतलब है जो सभी सुविधाएं जुटाने में मदद करें A….Affinity जो अपने भांजे भांजियों से प्यार करें। शिवराज ने सफलता के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का मंत्र दिया। इसके साथ ही उन्होंने यह दोहराया कि जीवन में इतने व्यापक क्षेत्र हैं कि व्यक्ति किसी एक क्षेत्र को चुनकर उसमें सफलता के शीर्ष पर पहुंच सकता है।

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शिवराज ने बच्चों को आश्वस्त किया कि जीवन के जिस क्षेत्र में वे अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, सरकार उस क्षेत्र में उनकी पूरी मदद करेगी। उन्होंने नव चयनित प्रतिभागियों को भी संदेश दिया कि वे समाज की सेवा के लिए क्षेत्र में आए हैं और पूरी क्षमता के साथ उन्हें अपने चयन को साबित करना है। शिवराज ने युवक-युवतियों को नए आईडिये देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की वेबसाइट पर अपने विचार देने की बात भी कही। इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन और अतिरिक्त सचिव दीपक सिंह भी मौजूद थे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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