भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में संयुक्त वन प्रबंधन समिति (Joint Forest Management Committee) द्वारा प्रदेश के जगह पर हरियाली की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए प्रक्रिया (process) शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि 400000 हेक्टेयर क्षेत्र में हरियाली लौटाने के लिए अगले 5 सालों में प्रोजेक्ट (project) तैयार किए गए हैं। इन 5 सालों में 11000 से अधिक गांव में 500000 हेक्टेयर इलाके में हरियाली लौटाई जाएगी।
इसके लिए समिति द्वारा उजड़े बनोगे पौधारोपण के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया। जानकारी की माने तो नए प्लान के तहत विकास, अच्छे वन तैयार करने सहित सूखे पेड़ को काटकर जलाव और इमारती लकड़ी को बाजार में बेचने का काम किया जाएगा। वही विभाग द्वारा समिति को गांव से जुड़े वनों की सुरक्षा और उजड़े वन को स्वस्थ करने का कार्य सौंपा जाएगा।
MP के नाम बड़ी उपलब्धि, देश में तीसरा स्थान, इस वर्ष शीर्ष पर आने की तैयारी
राज्य शासन और विभाग द्वारा इसके लिए नई पॉलिसी की तैयारी की जा रही है। इस पॉलिसी में पौधारोपण से लेकर पेड़ों के काटने का अधिकार दिया जाएगा। साथ ही अतिक्रमण रोकने के लिए भी नए नियम तैयार किए जाएंगे। हालांकि इसके लिए समाज सेवी संगठन द्वारा प्रदेश में निजी कंपनियों को सौंपी जाने वाले इस कार्य का विरोध शुरू कर दिया गया था। जिसके बाद अब इसे स्थानीय लोगों को सौंपा जाएगा।
अनुदान और तकनीक के व्यवस्था करने के साथ ही समिति और वन विभाग के अधिकारियों का एक संयुक्त खाता खोला जाएगा। जिसमें वन औषधियों से होने वाले लाभ की पूरी राशि खाते में जमा की जाएगी। वनों के विकास का कार्य विकास कार्य समिति को दिया जाएगा। साथ ही वनों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
वन के विकास के लिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत, सहकारिता योजना जैसी सरकार की योजनाओं के जरिए लाभ दिए जाएंगे। प्रबंध समिति को वनों में खनन और अवैध कटाई रोकने का भी काम दिया जाएगा।