भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में किसानों (MP farmers) के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) एक नई व्यवस्था (new system) की तैयारी में है। अभी फिलहाल प्रदेश के 2 जिलों में लागू किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक किसानों की उपज को उचित मूल्य दिलाने के लिए शिवराज सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) की शुरुआत की जा रही है। इस नए प्रयोग से अब मंडी (mandi) में उपज की नीलामी की व्यवस्था फसल की किस्म के आधार पर की जाएगी। जिसका सीधा सीधा लाभ प्रदेश के किसानों को होगा।
दरअसल बीते साल कृषि कानून के लागू होने के बाद मंडियों को बंद किए जाने का आरोप केंद्र सरकार सहित BJP सरकार के ऊपर लगा था। जिसके बाद अब शिवराज सरकार प्रदेश में नए प्रयोग करने जा रही है। चर्चाओं की माने तो अब मंडियों में उपज की नीलामी फैसला के किस्मों के आधार पर की जाएगी।
किसान बासमती धान, डॉलर चना, शरबती गेहूं जैसे उपज को उच्च किस्म के आधार पर बेच सकेंगे। इसके लिए व्यापारी मंडी में अलग रखे गए इन किस्मों पर जाकर बोली लगाएंगे। इसका रिकॉर्ड भी अलग रखा जाएगा। इसके अलावा व्यापारी को मंडी समिति से पर्ची उपलब्ध करवाई जाएगी। जिसमें उपज के संबंध में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए शिवराज सरकार लगातार नए कदम उठा रही है।
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मामले में कृषि अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी का कहना है कि नई व्यवस्था को फिलहाल सागर और जबलपुर में पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं इन दोनों जिलों में इसके परिणाम देखकर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
मंडियों में किसानों की फसलों को उनके किस्मों के आधार पर अलग सेट में रखा जाएगा। वहीं उच्च गुणवत्ता वाली उपज की नीलामी बोली लगाकर की जाएगी। इसके रिकॉर्ड भी किसान के नाम से अलग से बनाए जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि एक तरफ जहां उच्च गुणवत्ता वाले फसल के किसानों को अधिक लाभ होगा। गुणवत्ता वाली उच्च फसलों को छाटने में सरकार और कर्मचारियों को अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही जैविक उत्पाद पैदा करने वाले किसानों को प्रमाण पत्र से भी नवाजा जाएगा।