भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों (MP Panchayat Election) को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्यपाल (Governer) द्वारा अध्यादेश वापस लिए जाने के बाद भी अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव न कराने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में चुनावी प्रक्रिया (Election process) जारी है।
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा बिना ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के चुनाव नहीं कराए जाने के निर्णय के बाद इस बारे में अध्यादेश भी जारी हो गया और राज्य निर्वाचन आयोग को भेज भी दिया गया कि चुनाव टाले जाएं। बावजूद इसके अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग ने कोई फैसला नहीं लिया है और विधिक परामर्श लेने के बाद ही वह कोई निर्णय लेने की बात कह रहा है। दरअसल 17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई थी और कहा था कि “आग से मत खेलिए और कानून के दायरे में रहकर चुनाव कराइए।”
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इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य कर दिया और अगले दिन इन सीटों पर चुनाव स्थगित करने का फैसला कर दिया। अब जब राज्य सरकार ने पूरा चुनाव भी टालने का प्रस्ताव भेजा है, तब भी राज्य निर्वाचन आयोग भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट की बात को भी ध्यान में रखे हुए हैं जिसमें उसे दायरे में रहने की हिदायत दी गई थी।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक कोई निर्णय न दिए जाने के चलते चुनाव लड़ रहे लोगों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं प्रशासन राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के इंतजार में हैं और अभी तक चुनाव कार्यवाही लगातार प्रचलन में है। थोड़ी देर पहले ही इंदौर के उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतुल चंद्र सिन्हा ने चुनाव में लगे सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत इंदौर जिले की चारों जनपद पंचायतों इंदौर, डॉक्टर अंबेडकर नगर महू, सांवेर और देपालपुर में जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच एवं पंच के लिए होने वाले निर्वाचन से संबंधित समस्त कार्रवाईया पूर्व की तरह जारी रखी जाए।