भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कुछ दिनों पहले मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार (Union cabinet expansin) किया गया था। इस व्यापक फेरबदल में जातिगत समीकरण के बेहतरीन प्रभाव देखने को मिले थे। वहीं पॉलिटिकल पार्टी (political party) के लिए सोशल इंजीनियरिंग (scial engineering) आज के दौर की मांग बन चुकी है। प्रदेश की राजनीति भी इससे अछूती नहीं है 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा (bjp) ने सबक लेते हुए 2023 में विधानसभा और 24 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से Social Engineering पर काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता और संगठन में जातिगत समीकरणों का बेजोड़ प्रभाव देखने को मिल रहा है। हालांकि अब इस मामले में Congress में भी बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है।
चर्चाओं की माने तो मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) जल्द ही संगठन में बड़े बदलाव कर सकती है। Social Engineering के तहत होने वाले इस बदलाव पर हर मोर्चाबंदी के साथ तैयारी में जुटी कांग्रेस निश्चित रूप से BJP से कई गुना व्यापक स्तर पर जातीय संतुलन पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेगी।
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चर्चाओं की माने तो नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (kamalnath) अपना पद छोड़ सकते हैं। जिस पर किसी अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को मौका मिल सकता हैसूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए जिन नाम की दावेदारी मानी जा रही है, उसमें सज्जन सिंह वर्मा(sajjan singh verma) , विजयलक्ष्मी साधो (vijay lakshmi sadho) या फिर एनपी प्रजापति (NP Prajapati) की दावेदारी तय हो सकती है। वही आदिवासी वर्ग को साधने के लिए विक्रांत भूरिया (vikrant bhuria) को प्रदेश युवक कांग्रेस की कमान सौंपी जा चुकी है। इसके अलावा कांग्रेस बाला बच्चन पर भी महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।
OBC वर्ग को साधने के लिए अरुण यादव या जीतू पटवारी को राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी देने के अलावा रामनिवास रावत पर भी कांग्रेस सहमति बना सकती है। नूरी खान (noori khan) को अल्पसंख्यक वर्ग मैं जगह दी जा चुकी है इसके अलावा दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ओबीसी खाते से विभा सिंह का नाम कमलनाथ के आगे रख चुके हैं। हालांकि इस मामले में प्रदेश कांग्रेस महासचिव के के मिश्रा (kk mishra) का कहना है कि मौजूदा राजनीति हालत में Social engineering समय की मांग है और कांग्रेस इससे विमुख नहीं रह सकती है। जल्द इस मामले में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
बता दे कि मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई है। वहीं कई नेताओं से चर्चा का दौर शुरू किया जा चुका है। कांग्रेस हर वर्ग को मौका देने के लिए कई नामों पर विचार विमर्श का सिलसिला जारी है। संगठन में बदलाव की आहट से पूर्व कमलनाथ एक बार प्रदेश के दौरे पर निकल सकते हैं। इसके अलावा कई दिग्गजों से बंद कमरे में चर्चा के बाद किसी नाम पर सहमति बनाई जा सकती है।