भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के स्कूल (MP School) के छात्रों के लिए बड़ी खबर है। स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) द्वारा आए दिन छात्रों के हित में नवीन फैसले लिए जा रहे हैं। वही अब साइकिल वितरण (bicycle delivery) के लिए भी शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा 5 लाख 75 हजार छात्रों को साइकिल खरीदने हेतु 200 करोड़ रूपए की राशि का वितरण किया गया है।
इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग नवीन तैयारी में है। दरअसल साइकिल वितरण के लिए ई-रुपए (e-rupay) के माध्यम से राशि का वितरण किया जाएगा। इसके लिए भोपाल और इंदौर जिले में 2022-23 के लिए पायलट योजना (pilot scheme) के रूप में इसे लागू किया जा रहा है। वहीं पायलट योजना क्रियान्वयन हेतु निर्णय लिया गया है। इसमें 9250 छात्रों को लाभांवित किया जाएगा।
इसके लिए छात्रों को साइकिल खरीदने के लिए ई रुपए जारी की जाएगी। इस मामले में बड़ी घोषणा करते हुए CM शिवराज ने कहा कि इस योजना के तहत वाउचर का प्रयोग हो। इसके लिए तैयारी की जा रही है कृषि विभाग और शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं में ई रुपए का उपयोग मध्यप्रदेश में शुरू किया जाएगा। CM शिवराज ने कहा कि पहले योजनाओं के लिए DBT के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाता था।
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हालांकि इस मामले में भी कुछ दिक्कत आने के बाद अब यह वाउचर का प्रयोग किया जाएगा। इससे पहले प्रोजेक्ट के रूप में 2 जिलों में शुरू किया जा रहा है। उसके रेफरेंस आने के बाद इसे विभिन्न जिलों में लागू किए जाने की योजना तैयार की गई है। इसीलिए बच्चों को एक नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे। उस नंबर के माध्यम से बच्चे खरीदी केंद्र पर जाकर साइकिल की खरीदी कर सकेंगे।
सीएम शिवराज ने कहा कि सीएम राइज स्कूल में नवाचार से शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार होंगे। 9500 विद्यालय को सर्व सुविधा युक्त विद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा गया। वहीं 360 स्कूलों को सीएम राइज स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। स्कूल के निर्माण के लिए अलग-अलग चरणों में ₹7000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
सीएम शिवराज ने कहा कि 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे। जिससे बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध होगी। बच्चों को खेल-मैदान-परिवहन की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी। इन स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा अच्छी तरह से चलाया जाएगा। इन स्कूलों में तेजी से लेकर 10वीं 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। उच्च शिक्षा वाले शिक्षक स्कूलों में शिक्षा देंगे। आधुनिक विद्यालय कंप्यूटर लैब-स्मार्ट क्लासेस और पुस्तकालय की व्यवस्था की जाएगी।