भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) की दूसरी लहर से कई लोगों ने अपनी जान गवा दी है। जिस पर कोरोना में जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों (government employees) के लिए सरकार (shivraj government) ने बड़ा फैसला किया है। जहां कोरोना से जान गवांए सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) दी जाएगी। हालांकि इसके लिए अनुकंपा नियुक्ति के सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) के नियम में पेंच फंसता नजर आ रहा है। बता दें कि प्रदेश में अभी अनुकंपा नियुक्ति के 30,000 से अधिक मामले हैं।
दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग के नियम के मुताबिक सरकारी कर्मचारी के पुत्र होने की स्थिति में विवाहिता पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति नौकरी की पात्रता नहीं होगी। जबकि योजना और आर्थिक सांख्यिकी विभाग में आयुक्त रहे आर एस राठौड़ की 20 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई थी। जिसके बाद उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं दी गई है।
इस मामले में परिवार ने सहमति के बाद ही विवाहिता पुत्री को नौकरी देने के लिए विभाग को आवेदन किया था। जिस पर योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग में आवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को भेजे थे। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों का हवाला देते हुए फाइल सांख्यिकी विभाग को वापस कर दी थी।
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अब इस मामले में सांख्यिकी विभाग द्वारा विधि विभाग से नीति और नियम की गुहार लगाई गई है। इस मामले में सांख्यिकी विभाग ने 2019 के हाई कोर्ट के फैसले को भी शामिल किया। जिसमें कहा गया था कि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में लैंगिक आधार को महत्त्ता नहीं दी जा सकती। यह भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
हालांकि 2019 में कोर्ट के फैसले के बावजूद इस नियम में बदलाव नहीं किए गए थे। मामले में योजना और सांख्यिकी विभाग के आयुक्त का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति के नियम और नीतियों का परीक्षण किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग सहित अन्य विभागों से राय मांगी गई है जिस पर जल्द विचार कर लिया जाएगा।