भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव पर ताजा अपडेट है। आज सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई होगी, जिसके बाद साफ हो जाएगा कि एमपी में निकाय और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे या नहीं।
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दरअसल, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत और नगरीय निकाय 2022 में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि बिना ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में चुनाव करवाएं जाएं और मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि 15 दिन के अंदर पंचायत चुनाव एवं नगर पालिका चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकीलों की टीम से मुलाकात की और देर शाम संशोधन याचिका पेश की है, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
आज इस मामले में सुनवाई होना है। इसके लिए शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है और पुनर्विचार आवेदन में 2022 के परिसीमन से चुनाव कराने की अनुमति मांगी है। राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने की अनुशंसा सरकार से की है।आयोग का दावा है कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी है, इसलिए इस वर्ग को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए।
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सूत्रों की मानें तो कि सुप्रीम कोर्ट यदि राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट को मान्य कर लेता है तो फिर ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। पिछली सुनवाई में 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद से ही आयोग ने जिले स्तर तैयारियां शुरू कर दी है और दोनों चुनाव 5 चरणों में ईव्हीएम और बैलेट पेपर से कराएं जाएंगे , इसके लिए कलेक्टरों को निर्देश भी जारी किए जा चुके है।
आयोग ने मांगी जानकारी
वही नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भी 6 जिलों के वार्ड परिसीमन का कार्यक्रम जारी कर दिया है।इसके अलावा नगरीय विकास और आवास विभाग से उन निकायों की जानकारी मांगी गई है, जहां कार्यकाल पूरा हो चुका है और चुनाव कराए जाने हैं। वहीं, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से नए परिसीमन के आधार पर आरक्षण करने के लिए कहा गया है।बता दे कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत 22985 ग्राम पंचायतों, 313 जनपद पंचायतों और 52 जिला पंचायतों के चुनाव होना है। इनमें 3 लाख 64 हजार 309 पंच, 6771 जनपद सदस्य और 875 जिला पंचायत सदस्यों के लिए मतदान होगा। पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश में 75 हजार पोलिंग बूथ बनेंगे।