रीवा, डेस्क रिपोर्ट। लापरवाह-भ्रष्ट अधिकारी (corrupt officials) कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। लोकायुक्त पुलिस (lokayukt Police) द्वारा आए दिन भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच बड़ी कार्रवाई सतना (satna) जिले में की गई है। जिसमें छापामार कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने डिप्टी रेंजर (deputy ranger) को रंगे हाथों रिश्वत (Satna bribe) की रकम के साथ गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं तलाशी के दौरान डिप्टी रेंजर के पास से अवैध पिस्तौल भी बरामद की गई है।
आ रही जानकारी के मुताबिक घर घर-नल जल परियोजना के लिए सरकार ने योजना की टेंडर दे रखे हैं। वही परस्मानिया क्षेत्र में गणेश कंस्ट्रक्शन कंपनी रिट्रोफिटिंग का काम भी कर रही है। वही पाइप लाइन बिछाने के लिए कंपनी को जमीन की खुदाई करनी थी। वन क्षेत्र होने की वजह से डिप्टी रेंजर ठेका कंपनी को वन भूमि का हवाला देते हुए खुदाई करने में अड़चन पैदा कर रहे थे। वहीं इसके लिए डिप्टी रेंजर द्वारा 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग की गई थी। इस काम में डिप्टी रेंजर के अलावा बीट गार्ड भी शामिल थे।
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इसके लिए ठेका कंपनी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त रीवा से की। जिसके शुक्रवार को ₹20 हज़ार रूपए की घूस देने के लिए ठेका कंपनी को डिप्टी रेंजर ने अपने सरकारी आवास पर बुलाया। ठेका कंपनी के प्रतिनिधि जैसे ही डिप्टी रेंजर के सरकारी आवास पर गए और उन्होंने रकम दी। लोकायुक्त की टीम ने प्लान के तहत दबिश देते हुए डिप्टी रेंजर को रंगे हाथों दबोच लिया। इसके अलावा दोनों बीट गार्ड भी हिरासत में लिए गए हैं।
लोकायुक्त पुलिस से प्राप्त जानकारी के माने तो धीरेंद्र चतुर्वेदी, डिप्टी रेंजर सहित बीट गार्ड अनिल और नीरज दुबे बीट गार्ड को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल यह लोग जंगल के क्षेत्र में पाइप लाइन निकलवाने के बदले 20 हज़ार रूपए की रिश्वत ले रहे थे। इतना ही नहीं डिप्टी रेंजर के पास एक अवैध पिस्तौल भी बरामद की गई है। माना जा रहा है कि इसका लाइसेंस उनके पास नहीं है। वही तीनों आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और रेंजर के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।