UGC की बड़ी तैयारी, रिसर्च के छात्रों को मिलेगा लाभ, नवीन प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन जारी

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्वविद्यालय (University) द्वारा शोध (research) करने वाले छात्रों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसल यूजीसी (UGC) ने इसके लिए गाइडलाइन (Guideline) जारी की है। जिसको जाना शोधार्थियों के लिए बेहद आवश्यक है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ‘शोध चक्र’ पहल शुरू की है। जिसका उद्देश्य अनुसंधान विद्वानों और पर्यवेक्षकों को उनके काम में सहायता करना है। यह परियोजना सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) केंद्र के सहयोग से संचालित की जा रही है।

इस पहल का उद्देश्य शोधकर्ताओं को आवश्यकतानुसार शोध कार्य एकत्र करने, व्यवस्थित करने, संग्रहीत करने और उद्धृत करने की सुविधा प्रदान करना है। इस पहल की विशेषताओं में शोधार्थियों के लिए संसाधन उपलब्ध कराना, गाइडों और विद्वानों के साथ बातचीत करना, कार्य प्रगति पर नज़र रखना, प्रशासनिक निगरानी गतिविधियाँ और भारत में चल रहे अनुसंधान क्षेत्रों के आँकड़े शामिल हैं। यूजीसी के मुताबिक, यह सिस्टम प्रोफाइल मैनेजमेंट, रिसर्च टूल्स और अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराएगा।

आयोग के अनुसार “शोध चक्र पहल से शोधकर्ताओं को प्रोफाइल बनाने और उनकी प्राथमिकताओं को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी। शोधकर्ता आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से लॉग इन करके शोध चक्र सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम होंगे। आयोग ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे शोधकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को सुविधाएं उपलब्ध कराएं ताकि वे मंच का अधिकतम लाभ उठा सकें। भारत सरकार इसे एचईसीआई नामक एक नए नियामक निकाय के साथ बदलने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। UGC उन सभी को डॉक्टरेट छात्रवृत्ति प्रदान करता है जो राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के जेआरएफ भाग को पास करते हैं।

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इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) को तत्काल आधार पर लागू करने के लिए कहा है और अनुसरण करने के लिए चरणों को सूचीबद्ध किया है। आयोग ने शिक्षा मंत्रालय की सहमति से 28 जुलाई, 2021 को “विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स की स्थापना और संचालन) विनियम 2021” को अधिसूचित किया था।

UGC के दिशानिर्देशों के मसौदे में दो प्रकार के शोध इंटर्नशिप का प्रस्ताव है। जिसमे एक “रोजगार क्षमता को बढ़ाता है” और दूसरा एक छात्र के “अनुसंधान कौशल विकसित करता है। दिशानिर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप भी हैं जो चार साल के स्नातक कार्यक्रम या FYUP के भीतर एक शोध घटक को एकीकृत करना चाहता है।

जो लोग प्रमाण पत्र या डिप्लोमा के साथ कार्यक्रम से जल्दी बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं। उनके लिए एफवाईयूपी के पहले और दूसरे वर्ष के अंत में 10 क्रेडिट मूल्य के अनुसंधान प्रशिक्षण या लघु परियोजना कॉम्पोनेन्ट होंगे। पूरे चार साल तक रहने वालों छात्रों के लिए सातवें सेमेस्टर में शोध प्रशिक्षण और एक साल की लंबी शोध परियोजना होगी, जो अंतिम यानी चौथे वर्ष में थीसिस या शोध प्रबंध की ओर ले जाएगी।


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