नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हाल ही में पीएचडी प्रवेश (PhD Admission) चाहने वाले छात्रों के लिए अपने नए नियमों और पात्रता मानदंडों की घोषणा की है। UGC द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्र अब अपने चार साल के स्नातक डिग्री कार्यक्रम (bachelor degree program) के पूरा होने के बाद पीएचडी कर सकते हैं। इसी बीच Professionals के PhD (Credit) पर बड़ी अपडेट सामने आई है।
एक तरफ जहां 4 वर्ष के साथ पीएचडी करने के लिए गाइडलाइन (Guideline) जारी की गई है। वहीं दूसरी तरफ नौकरी पेशा या प्रोफेशनल PhD करना चाहते हैं तो इसके लिए नया रेगुलेशन (New Regulation) तैयार किया गया है। रेगुलेशन के मुताबिक 6 महीने के कोर्स वर्क, नियमित मोड में करना अनिवार्य होगा जबकि इसके अलावा शोधार्थी अन्य पाठ्यक्रम शोध कार्य और तहसील काम करते हुए पूरा कर सकेंगे।
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नए रेगुलेशन को शैक्षणिक सत्र 2022 से लागू किया जाएगा। वहीं गाइडलाइन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान को पीएचडी सीटों का ब्योरा आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा प्रोफेशनल्स को कई राहत दी गई है। परीक्षा और साक्षात्कार से नामांकन की सुविधा को भी आसान किया गया है।
बता दे एक पदाधिकारी की माने तो नए रेगुलेशन के साथ पीएचडी में नामांकन के लिए उम्मीदवारों को 70 अंक की लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा 30 अंकों का इंटरव्यू तैयार किया जाएगा। पीएचडी प्रोग्राम में कम से कम 12 क्रेडिट और अधिक से अधिक 16 क्रेडिट होने अनिवार्य होंगे।
इसके अलावा प्रोफेशनल को कई बड़ी राहत दी गई है नए रेगुलेशन के मुताबिक शोधार्थी अपनी लिखित को पेटेंट भी करा सकेंगे। पीएचडी की रिसर्च फाइंडिंग को क्वालिटी जनरल, जनरल में प्रकाशित करा सकेंगे। प्रोफेशनल्स को पीएचडी प्रोग्राम को 6 साल में पूरा करना अनिवार्य होगा जबकि महिला अध्ययन को 6 साल की अतिरिक्त दो अन्य सालों का भी समय उपलब्ध कराया जाएगा।
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वहीँ इन नए नियमों के आधार पर, यूजीसी ने कहा है कि चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, FYUP में 10 में से 7.5 का न्यूनतम सीजीपीए हासिल करने वाले छात्र मास्टर डिग्री कोर्स पूरा किए बिना पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होंगे। आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (PhD डिग्री के पुरस्कार के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम 2022 जारी कर दिया है। ये नियम 2022 से 2023 के नए शैक्षणिक सत्र से लागू होने की सबसे अधिक संभावना है।
UGC के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करने के लिए शोध करने के लिए चार वर्षीय स्नातक छात्रों को PhD करने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि हम 4 साल के उन UG छात्रों को PhD प्रवेश पात्र होने की अनुमति दे रहे हैं जिनके पास 7.5 और उससे अधिक का सीजीपीए है।
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FYUP – चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम एक पहल है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, NEP 2020 के हिस्से के रूप में HEI में फिर से शुरू किया जाएगा। UGC के अनुसार, जो छात्र अपने चौथे वर्ष के अंत में 10 में से 7.5 CGPA प्राप्त करते हैं ( 8वें सेमेस्टर) PhD प्रवेश के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। SC, ST, OBC, EWS और PWD वर्ग के छात्रों को आवेदन करने के लिए 0.5 CGPA की छूट दी जाएगी।
छात्रों को ध्यान देना चाहिए कि यदि उन्होंने 10 में से 7.5 से कम सीजीपीए हासिल किया है, तो पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र बनने के लिए उनके लिए मास्टर डिग्री का एक वर्ष अनिवार्य है। आयोग द्वारा जल्द ही पूरा नियम जारी किए जाने की उम्मीद है।