Vastu Tips For Diya : वास्तु शास्त्र आपके जीवन को समृद्धि, सुख, और सम्पन्नता की दिशा में बदलाव लाता है। जिसमें बताए गए विभिन्न नियमों और सुझावों से आप अपने आसपास सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने घर और कार्यस्थल को वास्तु के नियमों के अनुसार ढाला तो आपका जीवन खुशियों से भरा रहेगा। इसी कड़ी में आज हम आपको मदिर में दीपक जलाकर रखने की सही दिशा बताते हैं, जिससे घर में सुख-शांति की वातावरण बनाता है।
इस दिशा में रखें दीपक
पूर्व दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में दीपक की लौ होना शुभ माना जाता है। पूजा करते समय यदि आप दीपक की लौ को पूर्व दिशा में रखते हैं तो आपको लंबी उम्र मिल सकती है। साथ ही, घर में सुख और शांति की वातावरण बनता है।
पश्चिम दिशा: इस दिशा में दीपक जलाने का शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से सारी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है और जातक को दुख से राहत मिलती है। इसलिए पश्चिम दिशा में दीपक की लौ रखनी चाहिए ताकि घर में खुशियां सदैव बनी रहे।
उत्तर दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में दीप जलाना धन की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। धन की प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि मिलती है।
इस दिशा में न रखें दीपक
दक्षिण दिशा: वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को यमराज का दिशा माना जाता है और इस दिशा में दीपक की लौ को रखने से धन हानि का संकेत माना जाता है। इसलिए दक्षिण दिशा में दीपक की लौ नहीं रखनी चाहिए। यहां तक कि कुछ लोग दक्षिण दिशा में पूजा स्थल भी नहीं बनाते हैं।
इन मंत्रों का करें उच्चारण
दीपज्योति: परब्रह्म:
दीपज्योति: जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते !!
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति !!
इस मंत्र का अर्थ यह है कि “आदर्श दीपक! परब्रह्मा के ज्योति! जनार्दन के ज्योति! तुम्हारे लिए नमन है। मैं ध्यानपूर्वक दीपक को नमस्कार करता/ करती हूँ। इस ज्योति के द्वारा सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए शुभ कार्यों, कल्याण, आरोग्य, सुख, सम्पदा, दुश्मनों का नाश और दीपक की ज्योति के लिए नमस्कार है।”
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)