Video : 70 साल के बुजुर्ग को ठेला धकेलते देख पसीजा ऊर्जा मंत्री का दिल, फिर किया ये

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शनिवार को सुबह ग्वालियर में निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Praduman Singh Tomar) का रौद्र रूप दिखा।  उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को जमकर फटकार लगाईं लेकिन थोड़ी देर बाद ही एक 70 साल के बुजुर्ग को ठेला धकेलते देख उनका दिल पसीज गया और ऊर्जा मंत्री ने खुद उसका ठेला धकेलने में मदद की, साथ ही 5000 रुपये की आर्थिक सहायता भी की।

मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर जिले की ग्वालियर विधानसभा से विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर (Praduman Singh Tomar)शनिवार को अपनी विधानसभा क्षेत्र में निरीक्षण पर निकले। उन्होंने किला गेट से सेवानगर तक के क्षेत्र में अमृत योजना के तहत किये जा रहे सीवर लाइन और पानी की लाइन के कार्यों को देखा, बिजली, सड़क सहित अन्य समस्याओं को सुना और साथ चल रहे अधिकारियों को मौके पर ही निराकरण के निर्देश दिये।

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इसी दौरान एक जगह लोगों ने ऊर्जा मंत्री को समस्या बताई तो मंत्री जी एक दम भड़क उठे उन्होंने मौके पर मौजूद संबंधित विभाग के अधिकारी को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि “आप बेवकूफ समझते हैं लोगों को, आज लाइन डलना शुरू हो जानी चाहिए”। आमतौर पर सहज और सरल रहने वाले मंत्री का अचानक बदला हुआ रौद्र रूप देखकर अधिकारी बगलें झांकने लगे।

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कुछ दूर आगे चलने के बाद ऊर्जा मंत्री अचानक रुक गए उनकी नजर एक बुजुर्ग ठेला चालक पर पड़ी , उसके ठेले में बहुत वजन था वो मुश्किल से ठेला धकेल पा रहा था, आदत के मुताबिक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उसके पास गए उससे उसके हालचाल पूछे ,जब बुजुर्ग ने अपनी उम्र 70 साल बताई तो वे चौक गए।  ऊर्जा मंत्री ने साथ चल रहे पीए को बुजुर्ग का नाम नंबर नोट करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन्हें 5000 रुपये की सहायता तत्काल उपलब्ध कराएं उसके बाद ऊर्जा मंत्री  ने कुछ दूर तक बुजुर्ग का ठेला धकेलने में मदद की फिर आगे निरीक्षण पर निकल गए।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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