नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सरकार ने एक बार फिर से बड़ा फैसला लिया है। दरअसल आधार (Aadhar) को पैन कार्ड (PAN Card) से लिंक करने के बाद अब सरकार ने मतदाता सूची (Voter List) को भी आधार कार्ड (Aadhar card) से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए Voter list-Aadhar Link अधिसूचना (notification) जारी कर दी गई है। हालांकि सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर चुनावी प्रक्रिया और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर होगा। अब किसी व्यक्ति के पास सिर्फ एक वोटर आईडी कार्ड (voter ID Card) होंगे। एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड रखने वाले को फर्जी कार्ड की मान्यता दी जाएगी और इसे खत्म करने में मदद मिलेगी।
इस बारे में कानून मंत्री किरेन रिजूजी ने ट्वीट करके जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड को लिंक किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके बाद मतदाता सूची डाटा को आधार से जोड़ने के बाद एक ही व्यक्ति द्वारा विभिन्न स्थानों पर मतदाता पहचान पत्र का उपयोग किया जा सकेगा।
सरकार ने शुक्रवार को मतदाता सूची (voter list) के आंकड़ों को Aadhar से जोड़ने, सेवा मतदाताओं के लिए चुनावी कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने और युवा नागरिकों को वर्तमान के बजाय चार बार मतदाता के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देते हुए चार अधिसूचनाएं जारी कीं। अधिसूचनाएं पिछले साल के अंत में संसद द्वारा पारित चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 का हिस्सा हैं।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren rijiju) ने ट्विटर (Twitter) पर घोषणा की कि चुनाव आयोग के इस संबंध में चार अधिसूचनाएं जारी की गई हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह कहने के लिए एक चार्ट साझा किया कि अधिसूचनाएं “Aadhar पारिस्थितिकी तंत्र के साथ मतदाता सूची डेटा (Voter list data) को जोड़ने में सक्षम होंगी ताकि विभिन्न स्थानों पर एक ही व्यक्ति के एकाधिक नामांकन के खतरे को रोका जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अब एक कैलेंडर वर्ष में 1 जनवरी या 1 अप्रैल या 1 जुलाई या 1 अक्टूबर को 18 वर्ष का हो जाने वाला नागरिक तुरंत मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है।उन्होंने कहा, “चार क्वालीफाइंग तारीखों से मतदाता आधार में काफी वृद्धि होगी। अब तक, मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की एकमात्र कट ऑफ तारीख 1 जनवरी है। 1 जनवरी को या उससे पहले 18 वर्ष के हो जाने वाले जनवरी के पहले दिन मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं।
इसके बाद 18 साल के होने वालों को पूरे एक साल इंतजार करना पड़ता है। चुनावी कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाने पर, उन्होंने कहा कि “पत्नी” शब्द को “पति / पत्नी” शब्द से प्रतिस्थापित किया जाएगा, जो क़ानून को जेंडर न्यूट्रल बनाता है। जो एक सेवा मतदाता की पत्नी या पति को उपलब्ध मतदान सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति देगा।
दूर-दराज के इलाकों में तैनात सैनिक या विदेशों में भारतीय मिशन के सदस्य कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें सर्विस वोटर माना जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब चुनाव संबंधी सामग्री के भंडारण और सुरक्षा बलों और मतदान कर्मियों के आवास के लिए किसी भी परिसर की मांग कर सकता है। रिजिजू ने इसे चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का “ऐतिहासिक कदम” बताया है।
Empowering every voter!
Hon’ble PM Sh @narendramodi ji’s govt.’s historic step to reform the electoral process.
In consultation with the Election Commission of India, Govt. has issued four notifications under The Election Laws (Amendment) Act, 2021.#8YearsOfSeva pic.twitter.com/BIqkc5qQXX— Kiren Rijiju (मोदी का परिवार) (@KirenRijiju) June 17, 2022