नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। पुरानी पेंशन योजना को लेकर कई राज्य सरकार ने अपने अपने नियम में बदलाव कर दिया। वहीं कर्मचारियों-पेंशनर्स (Employees-Pensioners) को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया है। पश्चिम बंगाल और राजस्थान में इस योजना को लागू कर दिया गया। वहीं अब केंद्र सरकार पर भी पुरानी पेंसन योजना को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। वहीं Old Pension Scheme के लिए बीच का रास्ता निकालने की अपील की जा रही है। इसी बीच एक नई अपडेट सामने आई है।
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इससे पहले IPSAF के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन मिश्रा का कहना है कि अभियान की शुरुआत सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्रदान करवाने के लिए की गई है। दरअसल 2005 अप्रैल के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए। भविष्य कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना बेहद आवश्यक है।
वही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मांगा है। जिसमें इस मुद्दे को उठाया जाएगा वह पुरानी पेंशन योजना के लिए मध्यस्थता पर विचार किया जा रहा है। कर्मचारियों के हित में सरकार पुरानी पेंशन योजना के लिए कोई बीच का रास्ता निकाल सकती है।
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पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकारी कर्मचारियों की मांग बढ़ती जा रही है। वहीं संसद सदस्यों का समर्थन मिलता दिख रहा है। भारतीय लोक सेवा कर्मचारी महासंघ के लिए अभियान चलाने की गई है। जिसके लिए अब तक साथ सांसद पुरानी पेंशन योजना को अपना समर्थन दे चुके हैं। इन सांसदों का कहना है कि सदन में पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे को उठाया जाएगा।
इससे पहले सरकार ने संसद में घोषणा की है कि उनके पास नई पेंशन योजना को खत्म करने का पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है जबकि भारतीय लोक सेवा कर्मचारी महासंघ द्वारा अभियान में तेजी लाई जा रही है। लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के समर्थन जुटाया जा रहे हैं। वहीं यह सांसद और विधायक पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की वकालत करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन समेत कुछ मुद्दों का समाधान निकालने का अनुरोध करेंगे। तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों को भरोसा है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। इससे पहले नई पेंशन योजना के तहत जनवरी 2004 से पहले नियुक्त किए गए लोगों को पेंशन योजना के माध्यम से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की राशि मिलती है, जो लाभ प्रकार को परिभाषित करती है। एक मासिक भुगतान है, जो अंतिम आहरित वेतन के पचास प्रतिशत के बराबर है। इस पुरानी योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के रूप में न्यूनतम भुगतान 3,500 रुपये है। अस्सी वर्ष से अधिक आयु वालों को बीस की सीमा में अतिरिक्त पेंशन और मूल पेंशन का 100% मिलता है।
इसके अलावा उपभोक्ताओं के लिए अखिल भारतीय मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई राहत भी है। वर्तमान में यह व्यक्तिगत पेंशन का पैंसठ प्रतिशत है। फिर से, एक चिकित्सा भत्ता निर्धारित है, जो स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित व्यय से संबंधित है। हालांकि इसमें से अधिकांश एनपीएस के तहत नहीं रहता है। ये दो पूरी तरह से अलग पेंशन सिस्टम हैं।