भोपाल/ग्वालियर।
लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और संघ के करीबी विवेक शेजवलकर को अपनों का साथ मिलने में परेशानी हो रही है। पार्टी के आंतरिक झगड़ों के चलते शेजवलकर की परेशानी बढ़ा दी है। बड़े नेता बे-मन से चुनावी प्रचार में सिर्फ चेहरा चमकाते नजर आ रहे हैं तो कुछ नाराज होकर घर बैठ गए हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार जोर पड़कने लगा है। भाजपा के कई दिग्गज आगामी दिनों में रैली और सभाएं कर पार्टी पक्ष में माहौल बनाने के लिए चुनावी समर में कूंदने वाले हैं। लेकिन ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के कई दिग्गज नेता पार्टी और प्रत्याशी से नाराज होकर घर बैठ गए हैं। जिस दिन से ग्वालियर लोकसभा से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के नाम की घोषणा हुई है,उस दिन से लेकर आज तक ये नेता किसी भी बैठक से लेकर नामांकन भरवाने तक नजर नहीं आए हैं। जिसमें खासकर दो नेता पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह शामिल है।
पूर्व मंत्री मिश्रा मुरैना लोकसभा से टिकट कटने और ग्वालियर लोकसभा से टिकट न मिलने से नाराज है ओर वह टिकट कटने की पीड़ा को खुलकर बखान किया है। पूर्व मंत्री मिश्रा न तो मुरैना लोकसभा में दिख रहे हैं और ना ही ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार करते नजर आ रहे हैं। दूसरे नेता पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह है। नारायण सिंह कुशवाह की नाराजगी के पीछे विधानसभा चुनाव में उनकी हार बताई जा रही है। सूत्रों की माने तो नारायण सिंह का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में महापौर विवेक नारायण शेजवकलर और उनकी टीम ने काम नहीं किया था। साथ ही उनके साथ भितरघात किया गया। जिसके चलते वे चुनाव हार गए। वहीं पूर्व मंत्री कुशवाह भी ग्वालियर लोकसभा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन महापौर शेजवलकर के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल सका । इस कारण पूर्व मंत्री कुशवाह भी टिकट की घोषणा से लेकर नामांकन और चुनावी प्रचार से दूरियां बनाकर चल रहे हैं। दोनों ही नेता अपने-अपने समाज में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं और लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और कुशवाह समाज का एक बड़ा बोट बैंक भी है। यदि दोनों नेताओं की इसी तरह से नाराजगी चलती रही तो भाजपा प्रत्याशी शेजवलकर के लिए भारी पड़ सकती है।