मोदी कैबिनेट में शिवराज-सिंधिया के साथ सावित्री सिंह ठाकुर और दुर्गादास उइके सहित 6 नाम शामिल, जानिए कौन बने MP से मंत्री

इस बार मध्य प्रदेश से 5 लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया तो शामिल हैं ही, साथ ही लोकसभा चुनाव हारने वाले एक नेता को भी मंत्रीपद मिला है। वीरेंद्र कुमार खटीक को तीसरी बार मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है।

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Madhya Pradesh ministers in Modi cabinet : नरेंद्र मोदी ने 9 जून को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ कुल 72 मंत्रियों को राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई। इनमें मध्य प्रदेश से भी छह नाम शामिल हैं। इनमें से पाँच लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद हैं। आइये जानते हैं मोदी कैबिनेट में एमपी से किन चेहरों को जगह मिली है।

शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश में बेहद लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री..जिन्हें प्रदेश में मामा के नाम से जाना जाता है शिवराज सिंह चौहान, इन्होंने इस बार लोकसभा चुनावों में विदिशा सीट से 8.21 लाख वोटों से बंपर जीत हासिल की है। उन्होंने नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, जेपी नड्डा और नितिन गड़करी के बाद छठे नंबर पर शपथ ली। बता दें कि वे 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी विदिशा सीट से सांसद रह चुके हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में छठवीं बार भी यहाँ से विजयी हुए हैं। मध्य प्रदेश के और बीजेपी के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है और प्रदेश में उनकी अपार लोकप्रियता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया

इन्होंने गुना सीट से 5 लाख चालीस हज़ार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है और इन्हें भी प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। सिंधिया मोदी कैबिनेट में दूसरी बार मंत्री बनाए गए हैं। इससे पहले उनके पास नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्रालय की ज़िम्मेदारी थी। गुना में वे बेहद लोकप्रिय नेता हैं।

वीरेंद्र कुमार खटीक

मोदी कैबिनेट में इन्हें तीसरी बार मंत्री बनाया गया है। इन्होने टीकमगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज अहिरवार को 4 लाख से ज़्यादा वोटों से हराया। दलित वर्ग से आने वाले खटीक इससे पहले 2017 में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री एवं 2021 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रह चुके हैं। खटीक बेहद गरीब परिवार से आते हैं और इन्होंने अपने शुरुआती दौर में पंचर बनाने से लेकर गाड़ियों की रिपेयरिंग का काम भी किया है। अपनी मेहनत के दम पर इन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की राजनीति में भी ये मुक़ाम हासिल किया है।

सावित्री ठाकुर

ये राजनीतिक परिवार से नहीं आती हैं और इन्होंने अपने दम पर राजनीति में ये स्थान बनाया है। धार लोकसभा सीट से सावित्री सिंह ठाकुर 2 लाख से अधिक वोटों से जीती हैं। इन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मवेल को शिकस्त दी है। आदिवासी समाज से आने वाली सावित्री ठाकुर के पति तुकाराम ठाकुर किसान हैं और उनके पिता शासकीय कर्मचारी थे। वे दूसरी बार सांसद बनी हैं, इससे पहले 2014 में उन्होंने धार से उमंग सिंघार को हराया था। इस बार उन्हें भी मोदी कैबिनेट में मंत्री पद मिला है।

दुर्गादास उइके

ये दूसरी बार सांसद बने हैं और पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। दुर्गादास उइके बैतूल सीट से लोकसभा चुनाव जीते है और इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम को 3 लाख 79 हज़ार से अधिक वोटों से हराया है। राजनीति में आने से पहले वे एक सरकारी शिक्षक रह चुके हैं। ये आदिवासी नेता हैं और इन्हें डीडी उइके के नाम से भी जाना जाता है। इससे पहले 2019 में भी ये बैतूल से ही सांसद चुने गए थे और इस बार इन्हें भी मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला है।

एल मुरुगन

तमिलनाडु के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष एल मुरुगन इस बार लोकसभा चुनाव हार गए हैं लेकिन फिर भी उन्हें मोदी कैबिनेट में मंत्रीपद मिला है। ये मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। इस बार दो हारने वाले नेताओं को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है जिनमें एल मुरुगन के साथ पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू भी हैं। दलित नेता मुरुगन ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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