भोपाल| मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से साल भर पहले तत्कालीन सरकार ने किसानों की नाराजगी को शांत करने के लिए भावान्तर भुगतान योजना शुरू की थी| लेकिन यह योजना शुरुआत से ही विवादों में रही और विपक्ष ने इस योजना को किसानों के खिलाफ बताते हुए सरकार पर आरोप लगाए थे| अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है और शिवराज सरकार की भावान्तर योजना को बंद किया जा रहा है| कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि प्रदेश के किसानों से हमने बात की तो यह बात साफ हो गई कि भावान्तर भुगतान योजना से किसानों को नुकसान हो रहा था इसीलिए हम इसे बंद करने जा रहे है ।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि भावान्तर योजना को बंद किया तो सड़कों पर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा| लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के मुद्दे पर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी तकरार देखने को मिल रही है, जाहिर है कि किसानों के मुद्दे अक्सर चुनाव पर प्रभाव डालते हैं जिसके चलते आने वाले दिनों में प्रदेश में किसानों के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस में भारी घमासान देखने को मिल सकता है|
प्रदेश में तीन ‘क’ की सरकार, किसानों को ठगने वाली योजना बंद होगी
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही शिवराज सरकार की कई योजनाओं को बंद करने की चर्चा जोरो पर है| इन योजनाओं में से भावान्तर योजना सरकार के निशाने पर है, क्यूंकि विपक्ष में रहकर कांग्रेस ने इस योजना का भारी विरोध किया था| योजना को बंद करने को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कृषि मंत्री सचिन यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भावान्तर योजना बंद होगी| उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ज्यादातर योजना जो बनी है उसका केंद्र बिंदु किसान नहीं था, कोई और था| हमने किसानों से चर्चा की है जिसमे पता चला है कि भावान्तर योजना से किसानों को नुकसान है| इसलिए इस योजना को अब बंद किया जाएगा| मंत्री यादव ने कहा मध्य प्रदेश में तीन ‘क’ की सरकार है, ‘क से किसान’, ‘क से कांग्रेस’ और ‘क से कमलनाथ जी’, इस सरकार के केंद्र बिंदु में किसान है ।
शिवराज की चेतावनी भावान्तर बंद हुई तो सड़कों पर उतरेंगे
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ को किसानों के मुद्दे पर पत्र लिखा है| जिसमे उन्होंने भावान्तर को बंद करने के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है| उन्होंने लिखा है कि भावांतर योजना मेरे मुख्यमंत्री काल एवं भारतीय जनता पार्टी की सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना रही है। मेरी सरकार ने निर्णय लिया था कि हमारे कृषक बंधुओं को सोयाबीन पर 500 रुपए प्रति क्विंटल एवं मक्का पर 500 रुपए प्रति क्विंटल फ्लैट रेट का भुगतान किया जाएगा। इस आशय के आदेश भी मेरी सरकार ने जारी कर दिए थे। यह निर्णय लिया गया था कि गेहूं 2100 रुपए प्रति क्विंटल, धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जाएगा। तत्कालीन भाजपा सरकार ने उड़द पर भी प्रति क्विंटल फ्लैट रेट से भुगतान का निर्णय लिया था। भावांतर योजना को बंद करने का निर्णय है बताता है कि आप की सरकार प्रदेश के किसानों को सोयाबीन पर ₹500 प्रति क्विंटल और मक्का पर ₹500 प्रति क्विंटल फ्लैट भावांतर योजना में भुगतान करने से बचना चाहती है। आप किसान बंधुओं को उड़द एवं मूंग पर भी फ्लैट रेट भुगतान करने से बचना चाहते हैं। गेहूं एवं धान की उपज भी क्रमश 2100 एवं 2500 प्रति क्विंटल खरीदने की मंशा आप की सरकार की नहीं। उन्होंने कहा है कि भावांतर योजना को येन-केन प्रकारेण बंद करना त्रासद होगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसी स्थिति में वे किसानों के हित के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य हो जाएंगे।