कैबिनेट बैठक: कर्जमाफी की समीक्षा, राजनीतिक केस वापस लिए जाएंगे

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भोपाल। कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक गुरुवार को संपन्न हुई। खेल मंत्री जीतू पटवरी ने बैठक में हुई चर्चा के बारे में मीडिया को बताया। उन्होंने कहा कि बैठक में चार प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया गया था। इनमें से तीन प्रस्ताव प्रशासनिक थे। बैठक में किसान कर्ज माफी को लेकर समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि एक बात साफ करना चाहते हैं कि सरकार 31 मार्च 2018 तक के किसान कर्ज को माफ करेगी। इसके अलावा 12 दिसंबर 2018 तक जिन किसानों ने ऋण जमा कर दिया है उनको भी इस योजना में शामिल किया गया है। 55  लाख किसानों को इस योजना से  लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि कर्ज माफी को लेकर समीक्षा हुई।  कर्ज माफी के किसानों में से 90 प्रतिशत किसानों का डाटा कम्प्यूटर में फीड हो चुका है। 

उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर प्राथमिकता दी गई है कि सरकार द्वारा जमहित योजनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वृद्ध और विधवा पेंशन प्रकरणों में किसी भी तरही की शिकायत नहीं आना चाहिए अगर ऐसा होता है तो इसके लिए कलेक्टर उत्तरदायी होंगे। इस संबंध में कलेक्टर पर कार्रवाई भी की जा सकती है। मंत्री ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान फर्जी केसों को वापस लेने के लिए समिति बनाई गई है। यही नहीं उन्होंने बताया कि ये समिति राजनीतिक केस भी वापस लेने के लिए जांच करेगी। अगर केस फर्जी पाए गए तो इन्हें वापस लिया जाएगा। इस समिति में एसपी, कलेक्टर, समेत तीन लोगों को मिलकार बनाई गई है। जिसमे समिति की अनुसंशा गृह विभाग द्वारा की जाएगी। जिसमे केस वापस लेने की प्रक्रिया होगी।

कैबिनेट में जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना की समीक्षा भी की गई। मंत्रियों ने आवेदन पत्र नहीं पहुंचने की बात उठाई तो कुछ मंत्रियों ने कट ऑफ डेट को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति का मुद्दा रखा। इस दौरान साफ किया गया कि 31 मार्च 2018 तक लिए गए कर्ज की माफी मिलेगी। बताया गया कि यदि किसान ने 12 दिसंबर 2018 तक आंशिक या पूर्ण रूप से कर चुका दिया है तो वह भी कर्ज माफी के दायरे में आएगा। किसी भी पात्र किसान को आवेदन भरने से वंचित नहीं रखा जाएगा। 5 फरवरी तक फॉर्म जमा होंगे। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा कि विधायक और शासकीय अधिकारी-कर्मचारी कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन पर पूरी तरह से नजर रखें और सक्रिय भागीदारी भी करें।

कैबिनेट के बाद विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पिछले 15 सालों में राजनीतिक दुर्भावना के चलते हजारों की तादाद में मुकदमे दर्ज हुए हैं। अकेले भोपाल में 308 मामले दर्ज हुए हैं। पूरी संख्या जिलों में कार्रवाई होने के बाद सामने आ पाएगी। बसपा से लेकर अन्य दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर भी जो झूठे मामले दर्ज हुए हैं वे भी वापस लिए जाएंगे। 


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