भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers) के लिए बड़ी खबर है। शिवराज सरकार ने किसानों को राहत देते हुए रबी उपार्जन नीति में नए प्रावधान किए है।खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2022-23 में उपार्जन नीति को और अधिक सहज और सरल बनाने के लिए नीति में नये प्रावधान किए गए हैं। किसानों के लिए पंजीयन में नॉमिनी की व्यवस्था का प्रावधान कर 28 हजार 298 नॉमिनी पंजीकृत किए गए।
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मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि पंजीयन को और अधिक सरल करते हुए 3479 वर्तमान पंजीयन केन्द्रों के अतिरिक्त 16 हजार 644 अतिरिक्त पंजीयन केन्द्रों पर कियोस्क से पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त नीति में आधार विहीन एवं शारीरिक रूप से अक्षम किसानों के लिए पंजीयन की व्यवस्था की गई है।
उपार्जन एवं भुगतान
- पंजीयन केन्द्रों पर बायोमेट्रिक डिवाईस की अनिवार्यता के साथ एसएमएस के स्थान पर स्लाट बुकिंग का प्रावधान किया गया है।
- इसमें किसान द्वारा उपज विक्रय के लिए उपार्जन केन्द्र का स्वयं चयन किया जा सकेगा।
- इसके अलावा उपार्जन प्रभारी, किसान के आधार, ई-केवायसी में ओटीपी/बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर खरीदी देयक जारी करेगा।
- किसानों की उपज की सफाई एवं ग्रेडिंग को अनिवार्य किया गया है।
- किसानों को उनकी उपज के भुगतान को पारदर्शी बनाने के उदेश्य से जेआईटी/पीएफएमएस के माध्यम से आधार लिंक बैंक खाते में सीधे भुगतान किया जाएगा।
17 लाख नए परिवार शामिल
खाद्य मंत्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 17 लाख नए परिवारों के 62 लाख नए सदस्यों को हितग्राही के रूप में खाद्यान्न वितरित किया गया। इससे बेघर और बेसहारा श्रेणी में 2623 परिवारों के 8929 सदस्यों को लाभ मिला। इस वर्ष एनएफएसए और पीएमजीकेएवाय में जनवरी में 94 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न का आवंटन एवं वितरण किया गया।
19 लाख एमटी गेहूँ का हुआ उपार्जन
प्रमुख सचिव खाद्य किदवई ने बताया कि इस वर्ष 4 हजार 225 केन्द्रों पर 9 मई तक 19 लाख 81 हजार 506 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। इस वर्ष 19 लाख 76 हजार 628 किसानों ने उपज विक्रय के लिए पंजीयन कराया, जो विगत वर्ष का 80 प्रतिशत है। इस वर्ष समर्थन मूल्य 2015 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रूपये निर्धारित किया गया था। विगत वर्ष 17 लाख 16 हजार 671 किसानों ने अपनी उपज का विक्रय किया था।