भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी (MP Employees) एरियर्स की मांग पर डटे हुए है। दरअसल उनका कहना है कि 27 महीने की एरियर भुगतान न होने की वजह से एक कर्मचारी को लगभग ₹50000 तक की आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। महिला कर्मचारियों के 3% महंगाई भत्ते (DA) और 27 माह के एरियर भुगतान न किए जाने से कर्मचारियों में असंतोष की भावना फैल रही है।
इस मामले में अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र दुबे का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2022 से 3 फीसद महंगाई भत्ता उनके वेतन के साथ उपलब्ध कराई जा रही है जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को भी लाभ उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र हुए और जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय का कहना है कि 2019 से लेकर 2022 तक में सरकार ने डीए में 8 फीसद और 11 फीसद की वृद्धि की है। जितनी महीने सरकार द्वारा DA वृद्धि (DA Hike) की राशि बढ़ाने में देरी हुई उस महीने के एरियर्स का भुगतान कर्मचारियों को नहीं किया गया है।
जिसको लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय का कहना है कि मुख्यमंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य योजना (Chief Minister Medical Health Scheme) अधर में लटक गई है। दरअसल जिला अध्यक्ष से कहना कि बीते साल योजना की घोषणा की गई लेकिन आज तक इसे जारी नहीं किया गया है।
वही अधिकारी कर्मचारियों की माने तो इस योजना का लाभ देने के लिए सरकार द्वारा औपचारिकताएं पूरी कर ली है लेकिन कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह राशि काटने का प्रावधान रखा गया है। बता दे कि सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा की गई थी। जिसके लिए सभी कर्मचारियों की पूरी जानकारी अपडेट भी कर ली गई थी। वहीं कर्मचारियों को इस योजना के तहत स्टेट हेल्थ कार्ड बना कर दिए जाने थे। हालांकि योजना आज तक लागू नहीं की गई है। जिसके लिए कर्मचारी अधिकारी द्वारा मांग की जा रही है। योजना के लागू होने से कर्मचारियों और उनके परिवार को इसका लाभ मिलेगा।
मध्य प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी संघ का कहना है कि सरकारी खर्चे पर सीजीएचएस की तरह इलाज की सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिससे कर्मचारी के गंभीर बीमार होने के बाद ही उन्हें महंगी जांच का लाभ लेना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों द्वारा इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की जा रही है।