गांधीनगर, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा (BJP) ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (pralhad joshi) और नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) को गुजरात के लिए पर्यवेक्षक (observer) नियुक्त किया है। पार्टी विजय रूपानी (vijay rupani) की जगह एक नया मुख्यमंत्री (CM) चुनकर जल्द से जल्द गुजरात में संकट को टालना चाहती है। दरअसल विजय रूपानी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज्य भाजपा प्रवक्ता यमल व्यास ने कहा कि विजय रूपाणी के इस्तीफे (Rupani resignation) के बाद गुजरात भाजपा विधायक दल (Gujarat BJP Legislature Meeting) की रविवार को बैठक हो सकती है, जिसमें नए मुख्यमंत्री का चयन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amiit shah) विधायक दल की बैठक में शामिल हो सकते हैं।
रविवार को पार्टी विधायकों के मिलने और रूपाणी के उत्तराधिकारी पर सहमति की उम्मीद है। भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और गुजरात के राज्य प्रभारी भूपेंद्र यादव पहले से ही राज्य में हैं और अन्य नेताओं से परामर्श कर रहे हैं। शनिवार को रूपाणी के इस्तीफे से पहले भी दोनों के बीच कई बैठकें और चर्चाएं चल रही थीं। इधर विधायक दल की बैठक में रूपाणी को बदलने के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। भाजपा नेताओं के विधायक दल की बैठक में किसे CM चुना जाये, इस मुद्दे पर चर्चा होनी है।
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रूपाणी ने राज्य में अभूतपूर्व राजनीतिक घटनाक्रम के तहत शनिवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह फैसला दिसंबर 2022 में होने वाली 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव से 15 महीने पहले आया है। कोरोना महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में इस्तीफा देने वाले चौथे मुख्यमंत्री रूपाणी ने दिसंबर 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल, राज्य के कृषि मंत्री आर सी फालदू और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मंडाविया के नाम सीएम के लिए चर्चा में हैं, वहीँ सबकी नजरे एक ही बात पर टिकी है कि आख़िरकार रूपाणी का उत्तराधिकारी कौन होगा।
इस बीच प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गुजरात में “महामारी के दौरान अपने कुप्रबंधन को छिपाने” के लिए रूपानी को “बलि का बकरा” बनाया है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि यह सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। गुजरात में राज्य सरकार दिल्ली से रिमोट से चलती है और जिस तरह आनंदीबेन को अपना कार्यकाल पूरा किए बिना इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। उसी तरह विजय रूपाणी को भी उनका पूरा कार्यकाल नहीं दिया गया है। इसी तरह, आम आदमी पार्टी गुजरात के महासचिव मनोज सोरथिया ने कहा गुजरात में 27 साल के शासन के बाद, अगर बीजेपी को अपना सीएम बदलना पड़ता है तो यह अपनी खराब स्थिति दिखाता है।