भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पेंशनर्स को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chouhan) का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा और नि:शक्तजन पेंशन योजनाओं में प्रदेश में 33 लाख 43 हजार हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें से 11 लाख 38 हजार हितग्राहियों को राज्य सरकार की ओर से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। वही इन 11 लाख 38 हजार हितग्राहियों के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से पेंशन राशि के भुगतान का अनुरोध किया।
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दरअसल, आज सीएम शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में केन्द्रीय मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे थे। सीएम शिवराज सिंह ने कहा है कि दिव्यांगजनों की सुगमता के लिए प्रदेश (Madhya Pradesh) के शासकीय भवनों में रैम्प और लिफ्ट आदि के निर्माण के लिए 81 करोड़ सात लाख रूपये कि स्वीकृति केन्द्र सरकार (Central Government) से जल्द जारी करने का अनुरोध किया। प्रदेश के 24 जिलों के लिए स्वीकृत जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के बजट आवंटन प्रस्ताव केन्द्र शासन को भेजे गये हैं। प्रदेश के समस्त 52 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के लिए बजट स्वीकृत करने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने इस पर सहमति प्रदान करते हुए एक सप्ताह में प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा किसमर्पित और सेवाभावी स्वयं-सेवी संस्थाओं को ही दिव्यांग कल्याण और पुनर्वास से संबंधित दायित्व सौंपे जाएँ। स्वयं-सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित केंद्रों के हितग्राहियों की स्थिति की समीक्षा भी नियमित रूप से सुनिश्चित की जाएँ।भारत सरकार की ओर से सीहोर में बनने वाला नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड रिसर्च (National Institute of Mental Health and Research) और ग्वालियर में दिव्यांगजनों के लिए निर्मित हो रहा खेल परिसर प्रदेश के लिए अनूठी सौगात है। राज्य सरकार दिव्यांगजन के कल्याण के लिए निरंतर सक्रिय है। प्रदेश में लगभग 6 लाख दिव्यांगजन को पहचान पत्र उपलब्ध कराये गये हैं।
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केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत (Union Minister Thaawarchand Gehlot) ने दिव्यांगजनों को पहचान पत्र जारी करने में देश में प्रथम रहने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी। बैठक में जानकारी दी गई कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 6 लाख 7 हजार 313 के लक्ष्य के विरूद्ध 5 लाख 97 हजार 170 दिव्यांगजन को पहचान पत्र जारी किये गये हैं। ट्रांसजेंडरों को पहचान पत्र देने में भी MP देश में प्रथम रहा है। यह सराहनीय है। इस पहचान पत्र के आधार पर ट्रांसजेंडरों को कोरोना कर्फ्यू अवधि में दो बार आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई। बताया गया कि भोपाल कलेक्टर द्वारा 8 जनवरी, 2021 को Transgenders व्यक्तियों को सर्वप्रथम पहचान पत्र जारी किये गये।
बैठक में बताया गया कि सीहोर में भारत सरकार द्वारा 179 करोड़ 40 लाख रूपये की लागत से इन्स्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड रिसर्च का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 25 एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। जून 2022 तक पूर्ण होने वाले इस राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में मेंटल हेल्थ पर सर्टिफिकेट कोर्स और प्रशिक्षण गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। ग्वालियर में 170 करोड़ की लागत से दिव्यांगजनों के लिए बन रहे खेल-परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा 34 एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है।