Congress targeted Mohan Bhagwat : कांग्रेस ने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘बोया बीज बबूल का तो आम कहां से होय’। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जब किसानों पर अत्याचार हुए, बच्चियों के साथ बलात्कार हुए, दलितों के मुँह पर पेशाब की गई और बीजेपी नेता जब संविधान बदलने की बात कर रही थी तब भी आप चुप रहे। अब आप कुछ भी बोलें उसका कोई फ़ायदा नहीं है। आपको आपकी चुप्पी, बीजेपी और नरेंद्र मोदी ने अप्रासंगिक कर दिया है। अब इस समाज को और लोकतंत्र को आपकी ज़रूरत नहीं रही है। अब समाज को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आवश्यकता नहीं है।
मोहन भागवत ने दिया था ये बयान
दरअसल नई सरकार के गठन के एक दिन बाद 10 जून को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ‘एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। प्राथमिकता से उसका विचार करना होगा। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा। और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है।’
इसी के साथ उन्होंने कहा कि ‘चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। सहचित्त संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने आये इसलिए ऐसी व्यवस्था है। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं। विरोधी की जगह प्रतिपक्ष कहना चाहिए। चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश के सामने उपस्थित समस्याओं पर विचार करना होगा।’ उनके इस बयान का आरएसएस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी प्रमुखता से उल्लेख किया है। संघ प्रमुख के इस बयान को जेपी नड्डा के उस बयान से जिसमें उन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था कि अब बीजेपी अपने पैरों पर खड़ी है और इस बार चुनाव में भी उसने संघ से कोई मदद नहीं मांगी।
पवन खेड़ा ने संघ प्रमुख को आड़े हाथों लिया
अब संघ प्रमुख के बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने उनपर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘मोहन भागवत् जी, जो बीज आपने बोए थे, अब वह लहलहाता हुआ बबूल का वृक्ष वृक्षासन लगा रहा है। दोष माटी का नहीं है, दोष माली का है। और वो माली आप हैं। जब किसान राजधानी के बाहर मौसम और पुलिस की मार खा रहे थे, आप चुप थे। जब हाथरस में एक दलित बच्ची का बलात्कार और हत्या कर दी गई, आप चुप थे। जब बिल्किस बानो के बलात्कारियों की रिहाई हुई और आपके वैचारिक बंधुओं ने उनका स्वागत किया, आप चुप थे। जब दलितों के मुँह में पेशाब किया जा रहा था, आप चुप थे। जब पहलू ख़ान व अख़लाक़ को मारा गया, आप चुप थे। जब कन्हैया लाल के हत्यारों का भाजपा से संबंध उजागर हुआ, आप चुप थे।’
उन्होंने कहा कि ‘आपकी चुप्पी ने और नरेंद्र मोदी ने आपको और संघ को अप्रासंगिक बना कर दिया है। अब बोल कर क्या फ़ायदा? अब आप अप्रासंगिक हो चुके हैं। आपको अप्रासंगिक किया है आपकी चुप्पी ने, बीजेपी नेताओं ने, नरेंद्र मोदी ने। आख़िरी मौक़ा आया था जब बीजेपी नेता संविधान बदलने की बात कर रहे थे तब भी आप चुप थे। अब इस संविधान को, इस लोकतंत्र को और इस समाज को मोहन भागवत या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आवश्यकता नहीं है। ये अपनी रक्षा करना जानते हैं। ये ताक़त उसे संविधान ने दी है। आपकी बात को नरेंद्र मोदी न पहले गंभीरता से लेते थे, न अब लेते हैं। आप अप्रासंगिक हो चुके हैं।’ इस तरह कांग्रेस ने मोहन भागवत को उन्हीं के बयान पर खरी-खरी सुना दी है।
मोहन भागवत् जी, जो बीज आपने बोए थे, अब वह लहलहाता हुआ बबूल का वृक्ष वृक्षासन लगा रहा है। दोष माटी का नहीं है, दोष माली का है। और वो माली आप हैं।
▪️जब किसान राजधानी के बाहर मौसम और पुलिस की मार खा रहे थे, आप चुप थे;
▪️जब हाथरस में एक दलित बच्ची का बलात्कार और हत्या कर दी गई, आप… pic.twitter.com/y6rX73Vs1I— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) June 12, 2024