भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में उतारने का मन बना लिया है| इनमें कुछ कद्दावर नेता भी शामिल हैं, जिनमे पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व पीसीसी चीफ अरूण यादव शामिल हैं। इनके नाम फिलहाल लोकसभा टिकट की रेस में सबसे आगे हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ पूर्व आईएएस अफसर भी कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोकने के इंतजार में हैं। इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभावित उम्मीदवारों को तैयारी करने के सकेंत भी दे दिए है।
कांग्रेस उन सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है जिन पर वह करीब तीन दशक से अधिक समय से जीत का स्वाद नहीं चख सकी है। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया द्वारा विगत दिनों प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों के सर्वे की रिपार्ट भी पेश की जा चुकी है। इसमें प्रत्येक सीट से तीन तीन नामों का पैनल बनाकर दिया गया है। अब पार्टी इस पैनल में दिए गए नामों पर जीत हार की संभावना को देख कर टिकट देने पर विचार करेंगी।
पिछले चुनाव में कम अंतर् से हारे नेताओं भी मिल सकता है मौक़ा
2014 के लोकसभा चुनाव में कम अंतर से पराजित उम्मीदवारों को पार्टी एक मौका और देने के मूड़ में है अगर पार्टी में ऐसा किया तो संभवत: तीन से चार पूर्व उम्मीदवारों को फिर से टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
ये हो सकते है दावेदार
कांग्रेस में विभिन्न लोकसभ सीटों पर अभी तक जिन लोगों ने दावेदारी की है उनमें पार्टी के दों कार्यकारी अध्यक्ष भी शामिल है इसमें एक रामनिवास रावत जहां मुरैना से दावा कर रहे है, वहीं मुरैना से ही मनोज पाल का नाम भी तेजी से आगे आया है, उनकी सक्रियता को देखते हुए पार्टी उन्हें इस बार मौक़ा दे सकती है| इसके अलावा कमलनाथ समर्थक प्रदेश किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर का नाम भी सामनें आ रहा है। ग्वालियर से एक बार फिर अशोक सिंह को टिकट दिया जा सकता है। भिण्ड से पूर्व गृह मत्री महेन्द्र बौद्ध का नाम आगें है। गुना से ज्योंतिरादित्य सिंधिया का नाम तय। यह उनकी सुरक्षित सीट है| बुदेलखंड में पार्टी अपना परचम फहराने के लिए पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी या पूर्व आईएएस अधिकारी शशि कर्णावत को टीकमगढ़ से मैदान में उतार सकती है। वही दमोह सीट पर पूर्व मंत्री और हालही में विधानसभा चुनाव में पराजित हुए मुकेश नायक के नाम पर मंथन किया जा रहा है।