उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) से पहले उज्जैन महापौर (Ujjain Mayor) के पद को लेकर जिला अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक (Congress MLA) आमने-सामने हो गए हैं। इसका कारण स्थानीय कांग्रेस द्वारा जारी किय गया फॉर्मेट है, जिसके तहत महापौर के दावेदारों को हर वार्ड से कम से कम 50 कांग्रेसी परिवारों का समर्थन पत्र लाना अनिवार्य है। वही शपथ पत्र में यह भी भरवाया जा रहा है कि अगर टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय नहीं लड़ेंगे।
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इस फॉर्मेट के सामने आते ही कांग्रेसियों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।चुनाव से पहले फूट और गुटबाजी साफ देखने को मिल रही है। तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार (Congress MLA Mahesh Parmar) का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) की तरफ से कोई नियम नहीं आया है।चुनाव के लिए नियम सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ही बनाएंगे।वही उन्होंने दावा किया कि महाभारत के अभिमन्यू की तरह वे ही हर चक्रव्यूह भेद सकते है, इसलिए इस बार का चुनाव सौ फीसदी वे ही लड़ेंगे।
उनके इस बयान पर जिला अध्यक्ष महेश सोनी (District President Mahesh Soni) ने पलटवार किया है। सोनी का कहना है कि विधायक महेश परमार कोई तोप नहीं हैं, जो हवाई जहाज से आकर यहां चुनाव लड़ लेंगे किसी की दादागिरी नहीं चलने देंगे। कार्यकर्ता को इंसाफ दिलाने के लिए मैं पद तक छोड़ दूंगा। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहां कि उज्जैन नगर निगम क्षेत्र के बाहर का व्यक्ति चुनाव नहीं लडेगा, पार्टी के लिए समर्पित और निष्ठावान क्षेत्र के कार्यकर्ता को पहले मौका दिया जाएगा। चाहे वह विधायक रामलाल मालवीय (MLA Ramlal Malaviya) हों या महेश परमार। चुनाव लड़ना है तो विधानसभा (MP Assembly) की सदस्यता से त्यागपत्र दें, ताकि यहां के कार्यकर्ता को वहां एडजस्ट कर सकें।