भोपाल| प्रदेश में अपने बयानों से शिवराज सरकार और भाजपा संगठन के लिए मुसीबत खड़ी करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने एक बार फिर पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। कांग्रेस की ओर से आए लोकसभा चुनाव के टिकट के आॅफर पर गौर ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि वे इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। भाजपा में लंबे समय से हासिए पर चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का लोकसभा चुनाव से पहले यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। वहीं मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात के दौरान कमलनाथ को अपना नेता बताने के बाद बीजेपी भी गौर के इस रुख से परेशान है और लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बुलाई गई बैठक से पहले गौर को लेकर भी चर्चा हुई है| बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने गौर की बयानबाजी को लेकर कहा है कि पार्टी से बढ़कर कोई नहीं है, पार्टी जिस दिन चाहेगी उस दिन अनुशानात्मक कार्रवाई कर देगी|
प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के दिन ही बाबूलाल गौर को कांग्रेस ने भोपाल से लोकसभा का आॅफर दे दिया था। इसके बाद दिग्विजय सिंह के खास समर्थक डॉ. गोविन्द सिंह उनके घर पहुंचे और उन्हें सम्मानजनक तरीके से कांग्रेस में आने का सुझाव दिया। इसके कुछ दिन पहले आरिफ अकील उनके घर पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्द्धन सिंह को आशीर्वाद दिलाने गौर के पास ले गए। चुनाव हारने के बाद अजय सिंह भी गौर साहब के पास राजनीतिक मंत्रणा करने पहुंचे। 18 जनवरी को दिग्विजय सिंह फिर से भोजन करने के बहाने गौर के घर पहुंचे और उन्हें कांग्रेस में आने का औपचारिक आमंत्रण दिया। इसके बाद शुक्रवार को मंत्री जीतू पटवारी ने भी गौर से मुलाकात की है| सूत्रों के मुताबिक इतने सारे कांग्रेस नेताओं से मुलाक़ात और आग्रह के बाद बाबूलाल गौर ने अपने कुछ विश्वनीय समर्थकों से राय भी की है। गौर ने कुछ भरोसेमंद अधिकारियों से भी इस संबंध में सलाह मांगी है। मजेदार बात यह है कि कांग्रेस के प्रस्ताव पर गौर ने सार्वजनिक रूप से चर्चा करना भी शुरू कर दिया है। भाजपा में इस खबर के बाद इस बात की चिंता है कि यदि गौर कांग्रेस में गए तो लोकसभा चुनाव में केवल भोपाल ही नहीं आसपास के कई सीटें प्रभावित हो सकती हैं।